लेखक विजय राणा
2017 विधानसभा चुनाव की तैयारी मे भाजपा ने हवा मे नया शिगूफा खडा किया है..."कैराना से हिन्दू परिवारों का पलायन"...कमाल की बात है जिस मीडिया को कैराना कश्मीर नजर आ रहा है उसी मीडिया को 2013 के दंगे मे विस्थापित होकर कैराना की झुग्गियों मे पडे रिस रिस कर जिंदगी गुजारते चालीस हजार मुसलमान नजर नही आ रहे है।
जबकी भाजपा सांसद द्वारा जारी की गई कैराना के 21 हिन्दू मर्तको और 241 पलायन किये परिवारों को सूची कोरा गप्प है...जारी की गई सूची मे मदन लाल की हत्या बीस वर्ष पहले,सत्य प्रकाश जैन की 1991 मे, जसवंत वर्मा की बीस वर्ष पहले,श्रीचंद की 1991 मे, सुबोध जैन की 2009 मे, सुशील गर्ग की 2000 मे, डाक्टर संजय गर्ग की 1998 मे हुई थी...गौर करने वाली बात ये है कि लगभग इन सभी हत्याओं मे आरोपी भी हिन्दू समाज से ही है...
रही बात पलायन करने वालों की तो जी न्यूज के सुधीर चौधरी को एक बार वो कैम्प भी दिखाना चाहिए जहाँ ये परिवार पलायन करने के बाद रह रहे है...लेकिन वो ऐसा नही कर सकते क्योंकि ऐसा दिखाने के लिए कैराना से हिन्दुओं का पलायन होना जरूरी है जो की वास्तविकता मे कही है ही नही....आतंकवादी मीडिया 2013 की तरह एक बार फिर मेरे ईलाके के सौहार्द मे आग लगाकर संघ के ऐजेंडे पर काम कर रही है...और कैराना को कश्मीर प्रचारित करके प्रदेश भर के हिन्दुओं को डरा डराकर उनका वोट भाजपा की झोली मे डालने की मुहिम मे लगी है।
कैराना में बाहर से लोग आकर बसे है, इसलिए जनसंख्या प्रतिशत गडबडाया है, बनिया तो हर गांव से बाहर जाकर शहरो में बसे है,
मेरे खुद के गांव में 1500 से ऊपर बनिया मतदाता है, लेकिन गांव में केवल 46 मतदाता ही रहते है बाकि अपने मकान बेचकर आस पास के शहरो में चले गये है ।
क्या निरपुडा की तुलना कश्मीर से की जा सकती है ?
ये वही हुकुम सिंह है जिसने शामली महापंचायत कर मुजफ्फरनगर दंगो की नीव रखी थी । अगर इन्हे वाकई हिन्दुओं का इतना ही ख्याल है तो क्यो नही खाकी सुवरो की टीम वहां भेजते, शिविरों में लाठी प्रशिक्षण क्या गुजरात में डांडिया खेलने के लिए दिया है । जरा कोई पलायन करने वाले हिन्दुओ का शिविर बताये हम वहां विस्थापितो को मदद भेजना चाहते है?
आर.एस.एस. के खाकी नेकर वालों को वहां भेजिए ताकि वे आततायियो का अंत कर सके?
दोस्तो ये लडाई वहां एक ही परिवार में है, हुकुम सिंह हिन्दु गुर्जर समाज के खाप चौधरी है और हसन परिवार मुस्लिम गुर्जर समाज के खाप चौधरी है,
और खास बात ये है दोनो परिवारों का खून एक ही है,
कुछ हिन्दु रह गये थे और कुछ मुस्लिम बन गये थे।
भतीजे की उपचुनावों में हार ने हुकुम सिंह का दिमाग चला दिया है, मानसिक रूप से विकृत इस इंसान को संसद नही आगरा के पागलखाने भेज देना चाहिए ।
लेखक विजय कुमार राणा की फेसबुक से लिया गया है. लेखक का अपना विचार है इस लेख के लिए स्पेशल कवरेज न्यूज की कोई जिम्मेदारी नहीं है