कश्मीर के बाद कांग्रेस शासित राज्य ने उठाई अलग झंडे की मांग, केंद्र सरकार ने किया खारिज

कर्नाटक की सिद्धरमैया सरकार राज्य के लिए अलग झंडे और सिंबल के लिए एक्शन में आ गई है। सरकार ने 9 सदस्यों की एक कमेटी बनाई है।

Update: 2017-07-19 08:39 GMT
बेंगलुरु: कर्नाटक की सिद्धरमैया सरकार राज्य के लिए अलग झंडे और सिंबल के लिए एक्शन में आ गई है। सरकार ने 9 सदस्यों की एक कमेटी बनाई है, जिसे झंडा डिज़ाइन का करने और सिंबल तय करने का ज़िम्मा दिया गया है। अगर यह फ़ैसला लागू हो जाता है तो जम्मू-कश्मीर के बाद देश का दूसरा राज्य होगा, जिसका अपना झंडा होगा। यह कदम ऐसे वक्त में उठाया गया है जब कुछ ही महीने में राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
वही केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा ने इस कदम को खारिज करते हुए कहा कि भारत एक राष्ट्र है इसके दो झंडे नहीं हो सकते। संपूर्ण भारत पर एकछत्र शासन का स्वप्न देखने वाली BJP को कांग्रेस सरकार का यह कदम रत्ती भर भी पसंद नहीं है। भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र ने इसका विरोध भी कर दिया है। भाजपा का तो नारा रहा है कि एक देश, एक विधान, एक निशान। यह नारा भले ही उसने जम्मू कश्मीर के लिए गढ़ा हो, जिसके अपने कुछ विधान हैं, अपना झंडा है।
खबरों के मुताबिक- सिद्धारमैया सरकार ने यह कदम इस साल होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनावों को देखते हुए उठाया है। सरकार समय रहते कन्नड़ संस्कृति की रक्षा के मुद्दे को भुनाना चाहती है। कर्नाटक में अलग झंडे की मांग काफी पहले से उठती रही है, जिसे खारिज कर दिया गया था। कर्नाटक के CM सिद्धारमैया ने कहा कि क्या संविधान में ऐसा कोई प्रावधान है जो एक राज्य को अपना झंडा रखने से रोकता हो?

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