बेंगलुरुः घर में शौचालय बनवाने के लिए अनशन पर बैठी लड़की

Update: 2016-07-16 11:58 GMT
बेंगलुरुः हमारे देश में शौचालय जैसी बुनियादी सुविधा की कमी के कारण लोगों को खुले में शौच के लिए मजबूर होना पड़ता है। इससे सबसे ज्यादा लड़कियों और महिलाओं को परेशानी होती है। अब महिलाएं भी घर में शौचालय बनवाने के लिए अपनी आवाज बुलंद कर रही हैं।

ऐसे में कोपड़ा के गंगावती में दसवीं की छात्रा ने जो किया वो काबिले तारीफ है। गांव के लोग शौचालय बनवाने को लेकर गंभीर नहीं होते हैं लेकिन इस गांव की एक 16 साल की लड़की
ने घर में शौचालय बनवाने के लिए भूख हड़ताल शुरू कर दी। जिला पंचायत सीईओ ने उसकी मांग को गंभीरता से लेते हुए एक हफ्ते के भीतर उसके घर में शौचालय बनवाने का वादा किया है।

दरअशल ये पूरा मामला कोपड़ा के गंगावती का है, जहां दसवीं की छात्रा अपने परिवार से घर में शौचालय बनवाने की जिद पर अड़ी थी। इस विरोध में उसके सहपाठी भी साथ दे रहे थे। जैसे ही लड़की के अनशन पर बैठने की खबर अफसरों तक पहुंची तो उन्होंने छात्रा और उसके घरवालों को एक हफ्ते के अंदर शौचालय बनवाने का आश्वासन दिया है। परिवार का कहना है कि उनकी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि वो घर में शौचालय बनवा सकें। अधिकारियों से मिले आश्वासन के बाद छात्रा ने अनशन तोड़ दिया है।

2011 की जनगणना के मुताबिक देश भर में 53 प्रतिशत घरों में आज भी शौचालय नही है। ग्रामीण इलाकों के 69.3 प्रतिशत घरों में शौचालय नही है। रिपोर्ट्स कहती हैं कि गांव में रहने वाले लोगों के शौचालय न बनवाने के पीछे कई सारी वजहें होती हैं। आर्थिक स्थिति सही न होना, पर्याप्त जगह का न होना, जागरूकता का आभाव, पानी की कमी जैसे कई कारण होते हैं जिससे गांव में शौचालय नहीं बन पाते हैं।

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