CM शिवराज के ग्रह जिले का है ये हाल, यहां टपरे और झोपड़े में तैयार हो रहा भविष्य

जिले में आने वाले नसरुलागंज के क्षेत्र के आदिवासी स्कूली बच्चों को बैठाने के लिए भवन भी नसीब नहीं हो रहे हैं उन्हें टपरे के नीचे बैठकर शिक्षा ग्रहण करनी पड़ रही है...

Update: 2017-08-04 06:25 GMT
सीहोर : बेहतर और गुडवत्ता की शिक्षा देने का दावा करने वाले सीएम शिवराज सिंह चौहान के ग्रह जिले में ही शिक्षा व्यवस्था की हालत बदतर है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधान सभा क्षेत्र में आने वाले आदिवासी क्षेत्र में स्कूल भवन नही होने की वजह से झोपडी और टप्पर में बच्चे पढ़ने को मजबूर है।
 जिले में आने वाले नसरुलागंज के क्षेत्र के आदिवासी स्कूली बच्चों को बैठाने के लिए भवन भी नसीब नहीं हो रहे हैं उन्हें टपरे के नीचे बैठकर शिक्षा ग्रहण करनी पड़ रही है फिर इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है यदि ऐसे हालात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र में ही है तो फिर "दिया तले अंधेरा" वाली कहावत पूरी तरह से चरितार्थ होती है।
टप्पर में स्कूल लगने की स्थितियां एक के बाद एक उजागर हो रही है पहले गोपालपुर के पास भूरा टोला पर इसके बाद झाली ग्राम पंचायत का पिपलिया झील और अब सिंहपुर पठान पर ऐसा नजारा देखने को मिला। जहां स्कूली बच्चे भवन के अभाव में झोपडी और टप्पर में बैठकर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं।
 लगभग 5 वर्षों का समय व्यतीत हो चुका है और यहां पर हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। लगभग तीनों ही स्कूलों में परिस्थितियां समान है और यहां पर सुविधाओं का अभाव भी स्पष्ट रुप से देखा जा सकता है। सिंहपुर पठार आश्चर्य जनक स्थिति देखने को मिली जिसकी उम्मीद भी नहीं की जा सकती आखिर शिक्षा विभाग कितना लापरवाह है कि मुख्यमंत्री के क्षेत्र में ही आदिवासियों के बच्चे पढ़ाई और भवन को तरस रहे हैं।
रिपोर्ट : नावेद जाफरी 

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