शिवराज सरकार की संवेदनहीनता: किसान ने की आत्महत्या, शव ठेले पर रखकर अस्पताल ले गए परिजन

मध्य प्रदेश में जहां एक ओर किसान आत्महत्या कर रहे हैं। वहीं, सरकार की संवेदनहीनता सामने आई है..

Update: 2017-06-26 12:20 GMT
 छतरपुर : मध्य प्रदेश में जहां एक ओर किसान आत्महत्या कर रहे हैं। वहीं, सरकार की संवेदनहीनता सामने आई है। ताजा मामला बुंदेलखंड के छतरपुर जिले से सामने आया है प्रदेश मंत्री जिस जिले में फिल्म की टिकट बेच रहे हैं। वही उनके पड़ोसी जिले में एक मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई। जहां पर 36 वर्षीय किसान मजदूर ने खेत पर जा कर आत्महत्या कर ली और उसके बाद में किसान के PM के लिए शासन द्वारा वाहन उपलब्ध नहीं कराया जा सका। जिसके चलते उनके परिजनों ने लगभग 2 किलोमीटर अपने किसान पिता की लाश को अस्पताल तक ठेले पर रखकर ले गए।

 इस घटना ने अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल खजुराहो में स्वास्थ्य सुविधाओं व प्रशासन की बेरुखी व मोदी के स्वच्छ भारत की खोल दी कि जब आम आदमी या किसान को कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है तो उस पर्यटन क्षेत्र में पर्यटको को कैसे सुविधा मिलती होंगी।

छतरपुर जिले से 50 किलोमीटर दूर खजुराहो के पास राजनगर में मजदूर किसान फांसी पर झूला 
भुवानीदीन उर्फ़ भैयालाल कुशवाहा लगभग 36 वर्ष निवासी रामबाग कालौनीे सुबह लगभग 6 बजे घर में शौचालय नहीं होने से रोज की तरह शौच के लिए घर से बाहर गया तो वापिस नहीं लौटा। घर के लोग अभी खोज खबर कर ही रहे थे कि परिजनों को एक व्यक्ति ने सूचना दी कि भुवानीदीन नगर परिषद कार्यालय के पीछे खेत से गुजरे नाले की नीम पर फांसी पर लटका हुआ है जब परिजन मौके पर पहुंचे तो भुवानीदीन को फांसी पर लटका पाया।

घटना की की जानकारी पुलिस को दी सूचना मिलने पर राजनगर थाना प्रभारी के.एस. परस्ते पुलिस अमले के साथ मौके पर पहुंचे और जाँच शुरू कर दी मृतक के भाई राकेश कुशवाहा के अनुसार भुवानीदीन के तीन बच्चे हैं। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण बच्चों की पढाई का दवाव बढ़ गया था पूर्व में मृतक बटाई पर खेती करता था लेकिन लगातार नुकसान होने के कारण वह खेत में मजदूरी का काम करने लगा था। पड़ोसी और वार्ड पार्षद कंछेदी कुशवाहा ने बताया कि मृतक भुवानीदीन कुछ दिनों से आर्थिक तंगी के कारण तनाव में रहता था।

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