Amul आइसक्रीम को बंबई हाई कोर्ट से झटका, हिंदुस्तान यूनिलीवर की शिकायत पर लगाया Ban, जाने क्या है मामला

Bombay High Court has banned two advertisements of Amul ice cream

Update: 2017-06-17 09:00 GMT
मुंबई: बंबई हाई कोर्ट ने एक फैसला सुनाते हुए अमूल आइसक्रीम के दो विज्ञापनों पर रोक लगा दी है।  हाई कोर्ट का मानना है कि अमूल ने अपनी प्रतिद्वंदी के लिए नेगेटिव कैंपेन चलाया है। फैसला सुनाते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का दुरुपयोग प्रतिद्वंदी कंपनी के प्रॉडक्ट को गलत साबित करने के लिए नहीं किया जा सकता।

हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) ने अमूल के दो टीवी ऐड्स पर रोक लगावाने के लिए बंबई हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। HUL ने इन विज्ञापनों की वजह से हुए नुकसान को भरने के लिए 10 करोड़ रुपए भी मांगे हैं।

बता दे, कि अमूल के ऐड में उपभोक्ताओं को ऐसे प्रॉडक्ट्स खाने से मना किया गया था जिसे बनाने में वनस्पति तेल का इस्तेमाल किया गया हो। HUL के आइसक्रीम ब्रैंड क्वालिटी वॉल्स के फ्रोजेन डिजर्ट्स को बनाने में वेजिटेबल ऑइल का इस्तेमाल होता है।

कोर्ट का मानना था कि अमूल को यह पता था कि फ्रोजेन डिजर्ट वेजिटेबल ऑइल से ही बनते हैं ऐसे में अमूल ने 'इरादतन HUL के प्रॉडक्ट्स को अपने ऐड में बदनाम' किया है। कोर्ट में वनस्पति, अभिव्यक्ति की आजादी, ऐडवर्टाइजर्स के अधिकार और आइसक्रीम ऐड के उद्देश्य पर गहन चर्चा हुई। कोर्ट ने कहा कि दो ऐड में दो बिल्कुल अलग चीजों की तुलना की गई है- दूध और वनस्पति।

अमूल आइसक्रीम बनाने वाली कंपनी गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड ने तर्क दिया कि उनका ऐड HUL के फ्रोजेन डिजर्ट्स को बदनाम नहीं करता। वह उपभोक्ताओं को बस यह बताता है कि फ्रोजेन डिजर्ट्स में वनस्पति तेल होता है, जिसे ऑक्सफर्ड डिक्शनरी में भी वेजिटेबल ऑइल कहा गया है।

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