लखनऊ
आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को यूपी के डीजीपी द्वारा मथुरा जाने से मना करने के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने फैसले का बचाव किया है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट के लखनऊ बेंच में राज्य सरकार की ओर से एसपी विधि गोपेश खन्ना द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया है कि यह निर्णय अमिताभ द्वारा मीडिया में दिए जा रहे सरकार-विरोधी और भड़काऊ बयानों के मद्देनज़र लिया गया था. हलफनामे के अनुसार अमिताभ ने सरकार के साथ एक ख़ास राजनैतिक पार्टी और एक वरिष्ठ मंत्री शिवपाल सिंह को बदनाम करने के उद्देश्य से मथुरा जाने की अनुमति मांगी थी, अतः क़ानून व्यवस्था के दृष्टिगत उन्हें मथुरा जाने से रोका गया.
याचिका के अनुसार किसी भी स्थान पर आना-जाना संविधान के अनुच्छेद 19(1)(डी) के अधीन प्रत्येक व्यक्ति का मौलिक अधिकार है जो किसी व्यक्ति से लोक सेवक होने के नाते छीना नहीं जा सकता है, जिसपर कोर्ट ने विस्तृत जवाब माँगा था. मामले में सुनवाई 13 जुलाई को होगी.