10 साल की बच्ची बनेगी मां, कोर्ट ने नहीं दी गर्भपात की इजाजत, जानिए वजह

अदालत ने 10 साल की एक रेप पीडि़ता को गर्भपात की इजाजत देने से इनकार कर दिया है।

Update: 2017-07-19 07:11 GMT
चंडीगढ़: अदालत ने 10 साल की एक रेप पीडि़ता को गर्भपात की इजाजत देने से इनकार कर दिया है। यह बच्ची 26 हफ्ते की गर्भवती है। मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी के तहत कोर्ट 20 हफ्तों तक के भ्रूण के गिरने की इजाजत देने का अधिकार है। भ्रूण के असमान्य होने के स्थिति में 20 हफ्ते के बाद भी गर्भपात की इजाजत दे सकता है।
बता दे कि यह याचिका पुलिस ने डाली थी। मामले में जीएमसीएच-32 के डॉक्टरों ने बताया कि गर्भपात से बच्ची की जान को खतरा हो सकता है। ऐसे में उसका गर्भपात कराया जाना ठीक नहीं है। वहीं मेडिकल लॉ भी इसकी मंजूरी नहीं देता है। इसलिए बच्ची की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर महिला और बाल अपराध के मामलों के लिए बनी विशेष कोर्ट ने पुलिस की याचिका डिस्पोज ऑफ कर दी है।
खबर के अनुसार 10 वर्षीय बच्चे के साथ बलात्कार करने का आरोपी खुद उसका सगा मामा है। बच्ची के पिता एक सरकारी कर्मचारी है जबकि उसकी मां घरेलू कामकाज करती हैं। वहीं 10 वर्षीय बच्चे के गर्भवती होने पर खुद डॉक्टर हक्के-बक्के रह गए हैं। बच्ची का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि उन्होंने इससे पहले कभी ऐसा मामला नहीं देखा, जिसमें इतनी कम उम्र में कोई बच्ची गर्भवती हुई हो।
डॉक्टरों के अनुसार इस उम्र में बच्चे के शरीर का ठीक से विकास भी नहीं हो पाता, शरीर की हड्डिया विकसित होने की प्रक्रिया से गुजरती है। रेप पीड़िता मामले में डॉक्टरों ने कहा कि अगर बच्ची पूरी 9 महीने तक गर्भवती रहती है तो ये उसके लिए बहुत खतरनाक हो सकता है। डॉक्टरों ने बच्ची की सामान्य डिलीवरी से भी इंकार कर दिया है। क्योंकि ऐसा करने पर बच्ची की जिंदगी को खतरा हो सकता है।

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