RTI एक्टिविस्ट का हत्यारा नमो बिग्रेड का फाउनडर निकला

Update: 2016-06-27 07:31 GMT
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक 39 साल के शेनॉय इसी साल 21 मार्च को हुई आरटीआई एक्टिविस्ट विनायक बलिगा की हत्या का मुख्य आरोपी हैं. इसके अलावा 6 और आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने 770 पेज की चार्जशीट बनाई है. लगातार तीन महीने से पुलिस शेनॉय का पीछा कर रही थी. शेनॉय की तलाश में पुलिस जम्मू-कश्मीर, गोरखपुर, लखनऊ सहित नेपाल सीमा से लगे कई गांवों तक भी गई थी.

शेनॉय के घर के पास ही बालिगा की हत्या
मेंगलुरु के हेजामडी इलाके से शेनॉय को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस के इस दावे से अलग चर्चा है कि पुलिस ने उसे चार्जशीट फाइल करने से पहले ही गिरफ्तार कर चुकी थी. पुलिस के मुताबिक नमो ब्रिगेड के संस्थापक नरेश शेनॉय के मकान से महज 75 मीटर की दूरी पर 51 साल के विनायक पांडुरंग बलिगा की हत्या कर दी गई थी.

आरएसएस के करीबी हैं शेनॉय
शेनॉय कर्नाटक में संघ के करीबी माने जाते हैं. हत्याकांड की जांच के दौरान जिनके नाम सामने आए हैं उनके शेनॉय से भी संबंध हैं. जांच के दौरान पुलिस ने उसके मेंगलुरु स्थित आवास पर छापेमारी भी की थी. इसके बाद से शेनॉय लगातार फरार ही रहा है.

बलिगा ने किया था करोड़ों के स्कैम का खुलासा
विनायक बलिगा भी एक बीजेपी से जुड़े हुए थे. उन्होंने आरटीआई के माध्यम से वेंकटरमन मंदिर में कथित रूप से हुए करीब 9 करोड़ रुपए के घोटाला का खुलासा किया था. बाद में इस मुद्दे ने एक बड़े विवाद का रूप ले लिया था. बलिगा ने अलग-अलग मुद्दों पर करीब 92 आरटीआई आवेदन किए थे. जिले में अवैध रूप से भूमि हथियाने और अवैध निर्माणों का खुलासा भी उन्होंने किया था.

विनायक ने नहीं की थी शादी
पुलिस को शक है कि वेंकटरमन मंदिर में हुए घोटाले का खुलासा करने की वजह से ही उनकी हत्या की गई . पुलिस के मुताबिक यह मंदिर सारस्वत गौड़ ब्राह्मण समुदाय से जुड़ा है और नरेश शेनॉय भी इसके प्रबंधन अधिकारियों में शामिल थे. विनायक की शादी नहीं हुई थी और वो परिजनों और दो बहनों के साथ मैंगलोर के कोडिबियाल में रहते थे. जब उनकी हत्या हुई तब वह वेंकटरमन मंदिर ही जा रहे थे.

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