कलाम की मूर्ति के हाथ में वीणा और गीता रखने पर बवाल, अब रखवाई गई कुरान-बाइबल

कलाम मेमोरियल में वीणा बजाते हुए कलाम की मूर्ति और उसके पास भगवद्गीता के श्लोक लिखवाए जाने पर कई राजनीतिक पार्टियों ने विरोध दर्ज कराया है।

Update: 2017-07-30 12:08 GMT
रामेश्वरम: तमिलनाडु के रामेश्वरम में देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की दूसरी पुण्यतिथि के मौके पर याद में बनाए गए कलाम मेमोरियल में वीणा बजाते हुए कलाम की मूर्ति और उसके पास भगवद्गीता के श्लोक लिखवाए जाने पर DMK समेत कई राजनीतिक पार्टियों ने विरोध दर्ज कराया है। वही कलाम के परिजन भी इससे नाखुश हैं। कलाम के परिजनों का कहना है कि कलाम की प्रतिमा के पास सभी धर्मों के महान ग्रन्थों के अंश होने चाहिए।
बता दे कि PM मोदी ने 27 जुलाई गुरुवार को कलाम की दूसरी पुण्यतिथि पर रामेश्वरम में कलाम मेमोरियल का उद्घाटन किया था। और कलाम की वीणा बजाते हुए लकड़ी से बनी एक प्रतिमा का अनावरण किया था। पीएम ने पूर्व राष्ट्रपति के गृह नगर में उस जगह पर बने स्मारक को देशवासियों को समर्पित किया जहां मिसाइल मैन के पार्थिव शरीर को दफनाया गया था। विवाद शुरू होने के बाद आनन-फानन में प्रतिमा के आगे अब कुरान और बाइबल भी रख दी गई है।
DMK नेता स्टालिन ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, कलाम की प्रतिमा के पास भगवद्गीता की मौजूदगी सांप्रदायिकता थोपने की एक कोशिश है। स्टालिन ने सवाल किया कि वहां तिरुक्करल (तमिल का महान ग्रन्थ) के अंश क्यों नहीं हैं? VCK नेता तिरुमवलन ने कहा, 'कलाम की प्रतिमा के पास भगवद्गीता को जगह देकर कहीं कलाम को हिंदू धर्म के महान प्रेमी के रूप में पेश करने की मंशा तो नहीं है? इससे मुस्लिमों का भी अपमान हुआ है, इसे तुरंत हटाया जाना चाहिए।'
मामला को तूल पकड़ने के बाद प्रतिमा की देख-रेख कर रही संस्था की ओर से सफाई दी गई कि कलाम के हाथ में वीणा इसलिए है, क्योंकि पूर्व राष्ट्रपति को वीणा से खास लगाव था। इस धर्म और राजनीतिक मंशा से नहीं किया गया है, हालांकि प्रतिमा के आगे गीता रखे जाने पर कोई सही तर्क नहीं दिया गया है।

Similar News