150 साल पुराने सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों ने कराया महामृत्युंजय जाप और हवन, जांच के आदेश

प्रसूति वार्ड में हो रही बच्चों के मौतों के बाद हैदराबाद के एक सरकारी अस्पताल में हवन-पूजन कराया गया।

Update: 2017-07-26 10:01 GMT
हैदराबाद: प्रसूति वार्ड में हो रही बच्चों के मौतों के बाद हैदराबाद के एक सरकारी अस्पताल में हवन-पूजन कराया गया। प्रसूति वार्ड में करीब चार घंटे तक महामृत्युंजय हवन कराया गया। हवन में शामिल होने वाले डॉक्टरों ने कहा कि हवन से मां और नवजात को दैवीय आशीर्वाद प्राप्त होगा। हवन का आयोजन वरिष्ठ डॉक्टर और कर्मचारियों के सहयोग से किया गया।
150 साल पुराना गांधी अस्पताल तीन वार्डों से शुरू हुआ था। आज यहां 1,800 बेड हैं। यहां के प्रसूति वार्ड में कुछ महीने पहले प्रतिदिन 25 से 30 डिलिवरी होती थी। वही हाल ही में तेलंगाना राष्ट्र समिति (
TRS
) सरकार ने गर्भवती माताओं के लिए 'केसीआर किट' पेश किया जो तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता द्वारा पेश की गई एक योजना के समान था। किट में एक नवजात शिशु के लिए कुछ पैसे और सामान होते हैं। योजना के बाद अस्पताल में प्रसव की संख्या लगभग दोगुनी हो गई।
लेकिन हाल के ही कुछ सप्ताहों में अस्पताल में कम से कम आधा दर्जन से ज्यादा नवाजातों की मौत हो गई, तब प्रशासन का इस ओर ध्यान गया। अस्पताल के उप अधीक्षक एन नरसिम्‍हा राव ने कहा कि हाल की मृत्यु दर पहले की तुलना में अधिक नहीं हैं लेकिन हम इसके प्रति लापरवाह नहीं हो सकते। इस मामले में उप अधीक्षक एन नरसिम्हा राव ने कहा कि इस मामले की जांच कराई जाएगी। साथ ही जो भी दोषी पाया जाएगा उसपर कार्रवाई की जाएगी।
वहीं पसूति विभाग की प्रमुख डॉक्टर हरि अनुपमा ने कहा कि इस हवन का आयोजन सरकार की ओर से नहीं किया गया था। कुछ नर्सों और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों ने मिलकर हवन कराया था। इसका खर्च उन्होंने स्वेच्छा दान से जमा किया था। सूत्रों ने बताया कि अस्पताल प्रमुख ने पूजा के लिए मंजूरी दी थी। लेकिन यूनियनों और मीडिया से आलोचना के बाद मामले की जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं।

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