तेलंगाना में सबसे बड़ा जमीन घोटाला, स्कैम में फंसी गूगल और माइक्रोसॉफ्ट

तेलंगाना में अब तक का सबसे बड़ा जमीन घोटाला का पर्दाफाश हुआ है। राजधानी हैदराबाद में हुए 15 हजार करोड़ रुपये के इस घोटाले में देशी-विदेशी कई कंपनियों पर तलवार लटक रही है।

Update: 2017-06-26 12:42 GMT
हैदराबाद: 2014 में आंध्र प्रदेश से कटकर बने नए राज्य तेलंगाना में अब तक का सबसे बड़ा जमीन घोटाला का पर्दाफाश हुआ है। राजधानी हैदराबाद में हुए 15 हजार करोड़ रुपये के इस घोटाले में देशी-विदेशी कई कंपनियों पर तलवार लटक रही है। माना जा रहा है कि इसमें करीब 100 एकड़ जमीन की बंदरबांट हुई है। विपक्षी दल इस घोटाले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग कर रहे हैं। विपक्ष के दबाव में सरकार ने इस संदिग्ध डील को रद्द करने की घोषणा कर दी है।
जानकारी के अनुसार इस घोटाले को सबसे पहले विपक्ष ने उजागर किया था, जिसके बाद सरकार ने जांच बैठा दी थी। जांच रिपोर्ट आने के बाद राज्य सरकार ने घोटाले से जुड़े सभी व्यक्तियों के खिलाफ कोर्ट में मामला चलाने की सहमति भी दे दी है। जिन कंपनियों ने फर्जी तरीके से जमीन खरीदी थीं, उनमें गूगल और माइक्रोसॉफ्ट के अलावा टिशमैन स्पैयर, शपूरजी पॉलनजी, डी.एल.एफ., लैंको, पूर्वांकारा और माई होम ग्रुप भी शामिल हैं।
हैदराबाद में निजी जमीनों के अलावा सरकारी जमीन का किसी तरह का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता है। इससे घोटाला करने वाले लोग एक ही जमीन के टुकड़े को कई लोगों को बेच देते है। आरोप है कि भू माफियाओं ने जमीन रजिस्ट्री करने वाले अधिकारियों से मिलकर हैदराबाद के मियांपुर और सटे हुए इलाकों में करीब 100 एकड़ जमीन की बंदरबांट कर अवैध रूप से रजिस्ट्री करा ली है।

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