अखिलेश सरकार पर लगा निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप, सरकारी खजाने को 1500 करोड़ का चुना

Akhilesh government benefiting private companies

Update: 2017-04-30 09:52 GMT
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पूर्व CM अखिलेश यादव के शासन काल में कुछ निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने का मामला सामने आया है। अखिलेश यादव ने पिछले साल यूपी की जनता को 24 घंटे बिजली देने का वादा किया था, प्रदेश की जनता को 24 घंटे बिजली तो नहीं मिली लेकिन निजी कंपनियों से महंगी बिजली राज्य सरकार ने जरूर खरीदी।

यहीं नहीं निजी कंपनियों से बिजली खरीदने के लिए राज्य में मौजूद बिजलीघरों में क्षमता से कम बिजली पैदा करवाई गई, ताकि बिजली की कृत्रिम कमी पैदा की जा सके और निजी कंपनियों से बिजली खरीदने का रास्ता साफ हो सके। इस पूरी प्रक्रिया में यूपी सरकार को 1500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राजनीतिक दबाव में निजी बिजली कपंनियों से बिजली खरीदने का फैसला लिया गया, रिपोर्ट के मुताबिक यूपी सरकार के लिए अपने यहां बनने वाली बिजली की दर 3.30 रुपये प्रति यूनिट, जबकि केंद्र से खरीदी गई बिजली की कीमत 3.20 रूपये प्रति यूनिट पड़ती है। लेकिन जब राज्य सरकार यही बिजली निजी कंपनियों से खरीदती है तो इसकी कीमत साढ़े पांच रुपये से पौने 6 रुपये प्रति यूनिट पड़ती है।

रिपोर्ट के मुताबिक एमबी पॉवर नाम की निजी कंपनी से अक्टूबर 2015 से अक्टूबर 2016 के बीच पॉवर कॉरपोरेशन ने 5 रुपये 73 पैसे प्रति यूनिट की दर से 2654 मेगावॉट बिजली खरीदी, केएसके छत्तीसगढ़ से 5 रुपये 44 पैसे प्रति यूनिट की दर से 2205 मेगावॉट बिजली क्रय की गई, इसके लिए पॉवर कॉरपोरेशन ने एमबी पॉवर को 1521 करोड़ और केएसके छत्तीसगढ़ को 1200 करोड़ रुपये का भुगतान किया। योगी सरकार ने इन रिपोर्ट्स पर जांच का भरोसा दिया है।

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