हुनरमन्द किसी का मोहताज नहीं होता, ये शख्स नाक से बजाता है बांसुरी

Update: 2017-04-17 13:25 GMT
सहारनपुर : हुनरमन्द किसी के एहसानों का मोहताज नहीं होता, बस कर गुजरने का जज्बा होना चाहिए यारो। इस कथन को सच कर दिखाया है सहरानपुर के बिजेन्दर सिंह ने। जी हां, अब तक आपने मुँह से बांसुरी बजाते हुए कई लोगों को देखा और सुना होगा जिनकी बजाई हुई धुन आपके दिल पर छाप छोड़ गई होगी लेकिन आपने कभी नाक से बांसुरी बजाते हुए किसी को नही देखा होगा। 

आइये आपको मिलवाते है सहारनपुर के अंकित विहार में रहने वाले बिजेंद्र पुंडीर से जो नाक से बांसुरी बजाते है। बिजेंद्र के मुताबिक वो जब 12 वर्ष के थे तभी से उन्होंने भगवान कृष्ण से प्रेरित होकर बांसुरी बजानी शुरू की थी और इस प्रेरणा ने उन्हें एक अच्छा बांसुरी वादक बना दिया। 

इसी बीच एक दिन जब उनके मन में ख्याल आया कि ये बांसुरी नाक से भी तो बज सकती है तो भगवान कृष्ण की कृपा उन पर बनी और उन्होंने तभी से दृढ़ निश्चय किया कि वो अब इस बांसुरी को मुह से नही नाक से बजाएंगे।  और प्रयास के बाद पिछले 45 वर्ष से वह नाक से बांसुरी बजा रहे हैं। बिजेन्दर सिंह की इस प्रतिभा को कई जगह सराहा गया है इतना ही नहीं बिजेंद्र पुंडीर को उत्तरप्रदेश के पूर्व सपा मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने भी सैफई महोत्सव में सम्मानित किया गया था। 

इसके साथ-साथ बिजेन्दर ने कॉमनवेल्थ गेम में भी विदेशी खिलाड़ियों को अपनी इस प्रतिभा हुनर दिखाया था जिससे सभी काफी प्रभावित हुए थे। बिजेंद्र पुंडीर का कहना है कि वह नाक से बांसुरी बजाने वाले पूरे भारतवर्ष में अकेले ही एक ऐसे व्यक्ति हैं जो कि नाक से बांसुरी बजाते हैं।

आपको बता दें कि बिजेंद्र पुंडीर भगवान बजरंगबली के अनंत भक्त हैं और हर वर्ष वह अपने घर पर हनुमान जन्मोत्सव पर बड़े भंडारे का आयोजन भी कराते हैं इसके साथ वह माता की भेंटे व बजरंगबली के भजनों को अपनी इस बांसुरी की धुन में पिरोते हैं। 
रिपोर्ट : राहुल पटेल 

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