शम्भुदयाल बाजपेयी
सरकार और भाजपा नेतृत्व को इन खबरों की जांच करानी चाहिए कि प्रदेश के एक वरिष्ठ मंत्री के उपेक्षा पूर्ण ब्यवहार से आहत हो कर बरेली के भाजपा जिलाध्यक्ष रवीन्द्र सिंह राठौर अज्ञातवास में चले गये। भाजपा जिलाध्यक्ष का आज छठे दिन भी पता नहीं लगा है। उनके घर वाले परेशान हैं और पुलिस पता नहीं लगा पा रही ।
खबरों के अनुसार वह नवाबगंज नगर पालिका अध्यक्ष शरला ताहिर के खिलाफ शिकायतें लेकर लखनऊ गये थे। कुछ मंत्रियों से मिले। नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना से भी मिले। वहां उन्हें एक घंटे बैठाये रखा गया । मिलने पर भी खन्ना ने न पहचानने जैसा ब्यवहार किया । बताने पर भी कि मैं बरेली का भाजपा जिलाध्यक्ष हूं , खन्ना ने उनकी उपेक्षा की। उनकी बात नहीं सुनी और अनियमितताओं वाली फाइल भी बिना देखे लौटा दी। आहत- हताश राठौर वहां से रुआंसे होकर निकले। वह बरेली घर आये और फिर मथुरा जाकर वहां अपनी गाडी डा्इवर से यह कर लौटा दी कि यहां कुछ काम है वह बाद में आ जाएंगे। तब से उनका किसी से कोई सम्पर्क नहीं हो सका।
मंत्री सुरेश खन्ना पडोसी जिले शाहजहांपुर के हैं। वह राठौर को भलीभंति जानते- पहचानते हैं। उनके बरेली आने पार्टी जिलाध्यक्ष के रूप में राठौर उनका स्वागत करते रहे हैं। नवाबगंज पालिकाध्यक्ष शरला ताहिर पिछले समाजवादी शासन काल में काफी चलते पुर्जे वाली थीं। उन पर शिव पाल यादव की अनुकंपा थी। उन्हों ने तब एक ही दिन में रवीन्द्र राठौर के खिलाफ थाने में दो दर्जन से अधिक मामजे दर्ज करवा दिये थे। तब क्षेत्रीय विधायक और प्रदेश सरकार में मंत्री रहे भगवत शरन गंगवार भी कुछ नहीं कर पाये थे। मंत्री होने के बावजूद गंगवार को पालिकाध्यक्ष नचाये रहती थी। सरकार बदलने बदलने में भाजपा जिलाध्यक्ष को उम्मीद थी कि अब उनकी सुनी जाएगी ।