क्या सीएम योगी का जनता दरबार महज एक प्रक्रिया? RTI में खुलासा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार को लेकर चौकाने वाला खुलासा;

Update: 2017-05-09 13:03 GMT
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार को लेकर चौकाने वाला खुलासा हुआ है. एक आरटीआई में ये मिली जानकारी के मुताबिक कि योगी के जनता दरबार का कोई रिकॉर्ड मेन्टेन नहीं किया जा रहा. यह आरटीआई एक्टिविस्ट संजय शर्मा ने 8 अप्रैल को फाइल की थी. जिसके जबाब में यह जानकारी मिली है. 


आपको बता दें कि संजय शर्मा की आरटीआई के जवाब में सीएम कार्यालय के जन सूचना अधिकारी की ओर से बताया गया कि सीएम ऑफिस के पास अब तक हुए जनता दरबारों की संख्या, जनता दरबारों में आए फरियादियों की संख्या का कोई रिकॉर्ड नहीं है. बात इतनी ही नहीं, जनता दरबारों नें आए फरियादियों के प्रार्थना पत्र भी यहां कूड़े के भाव में रखे जा रहे हैं क्योंकि उनका कोई डाटा मेनटेन नहीं किया जा रहा.


 इसके साथ ही जनता दरबारों नें आए फरियादियों में से कितनो की समस्याएं निस्तारित हो गई हैं इसकी भी जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय के पास नहीं है. सीएम ऑफिस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, जनता दरबार में सीएम योगी की उपस्थिति में शामिल हुआ जा सकता है, जिसके लिए कोई प्रक्रिया निर्धारित नहीं है. इसके रिकार्ड के बारे में कोई अतिरिक्त जानकारी उपलब्ध नहीं है. 


समाजसेवी संजय शर्मा ने यह आरटीआई 8 अप्रैल को फाइल की थी. उन्होंने जनता दरबार से सम्बंधित 14 बिंदुओं पर सूचना मांगी थी. जिसके जवाब में मुख्यमंत्री कार्यालय के जन सूचना अधिकारी सुनील कुमार मंडल ने उन्हें ये जानकारी उपलब्ध कराइ है.  समाजसेवी संजय शर्मा ने इस संबंध में कहा कि सीएम का जनता दरबार केवल खबर बन कर रह गया है. इन दरबारों में फरियादियों की सिर्फ सुनवाई हो रही है. मैंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जनता दरबार में आए मामलों के रिकॉर्ड सुरक्षित करवाने का अनुरोध किया है.

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