बसपा द्वारा दायर की गई याचिका पर देश के मशहूर अधिवक्ता कपिल सिब्बल और पी चिदम्बरम ने अपनी दलील पेश करके चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस भेजना ही पड़ा.
पी चिदंबरम ने वीवीपीएट मशीनों की खरीद के लिए फंड ना दिए जाने का मामला उठाया मायावती की तरफ से पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कोर्ट को बताया कि साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट के दिए आदेश के बाद भी आज तक वीवीपीएट युक्त ईवीएम मशीन का इस्तेमाल नहीं हो सका है.चिदंबरम ने कहा कि आज भी 3000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने की आयोग की अर्जी केन्द्र सरकार के पास लंबित है.
आयोग इन पैसों का इस्तेमाल उन्नत ईवीएम मशीनों को खरीदने के लिए करेगा।.उन मशीनों से साल 2019 के आम चुनाव होने हैं.जजों ने कहा, "मिस्टर सिब्बल, आपकी पार्टी ने ही देश में ईवीएम लागू किया है." जजों ने कहा, "आप कैसे कह सकते हैं कि किसी और देश में ईवीएम का इस्तेमाल नहीं होता है.
ईवीएम से बूथ कैप्चरिंग और बैलेट बॉक्स की अदला-बदली रुकी हैसिब्बल ने कोर्ट को बताया तकनीक अपराजय नहीं हैचिदंबरम के सहयोगी और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने अपनी पार्टी का पक्ष रखते हुए कहा कि दक्षिण अफ्रीका के अलावा किसी भी देश में ईवीएम का इस्तेमाल नहीं होता है. इस पर कोर्टरूम में मौजूद जज उन पर झल्ला उठे.