सहारनपुर क्यों सुलगता बार बार, अब तो है बीजेपी की सरकार , फिर क्यों दलितों पर अत्याचार

मायावती के लौटते ही दलितों पर हमला

Update: 2017-05-24 04:12 GMT
सहारनपुर: मंगलवार को उत्तर प्रदेश का सहारनपुर फिर जातीय हिंसा की लपटों में घिरकर धधक उठा। शब्बीरपुर में मायावती का कार्यक्रम शुरू होने से पहले और फिर खत्म होने के बाद बड़गांव थाना क्षेत्र जातीय हिंसा की चपेट में आ गया। उपद्रवी युवाओं ने ठाकुरों के घरों व गलियों में पथराव किया और फिर बिटोरों व घरों में आग लगा दी। महिलाओं से दुष्कर्म का भी प्रयास किया।

मायावती के जाने के बाद प्रतिशोध में नकाबपोश युवकों ने दो स्थानों पर डेढ़ दर्जन से अधिक दलितों पर तलवार से ताबड़तोड़ हमले किये। गोली मारकर एक व्यक्ति की हत्या कर दी। देर शाम बसपाइयों ने भी जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में जमकर तोड़फोड़ व हंगामा किया।

 पुलिस के अनुसार, मंगलवार गांव शब्बीरपुर में बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती के आने से जोश में आए भीम आर्मी से जुड़े दलित युवकों ने ठाकुरों के पांच घरों पर पथराव कर बिटोरों में आग लगा दी। गलियों में भी जमकर पथराव किया।

डीएम एनपी सिंह व एसएसपी सुभाष चंद दुबे मौके पर पहुंचकर पीडि़तों से बात कर रहे थे कि तभी ठाकुरों के पांच घरों में आगजनी की सूचना मिली। हालांकि, दमकल ने तुरंत काबू पा लिया। यहां महिलाओं ने डीएम-एसएसपी को घेर कर शिकायत की कि भीम आर्मी के लोगों ने दुष्कर्म का भी प्रयास किया। दलित युवकों की इस अराजकता ने आग में घी डालने का काम किया।
 
मायावती के रवाना होने के बाद सभा से लौट रहे बसपाई निशाना बनाए गए। शब्बीरपुर के पास के गांव चंदपुरा में नकाबपोश युवकों ने गांव सुवाहेड़ी लौट रही बसपा का झंडा लगी बुलेरो कार को रोककर फूल ङ्क्षसह समेत चार लोगों को तलवार से लहूलुहान कर दिया जबकि अकबर को गोली मार दी। उधर, हलालपुर गांव के पास भी गाड़ी रोककर गांव सुवाहेड़ी के आशीष व सचिन को गोली मारी गई जबकि नर ङ्क्षसह समेत आठ लोगों पर तलवार से हमला किया गया।

 पुलिस ने सभी घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नानौता लाने पर आशीष मृत घोषित कर दिया गया। बाकी सभी जिला अस्पताल भेजे गये। वहां से अकबर को हायर सेंटर रेफर किया गया। बसपाइयों पर हमलों का पता चलते ही हथियारबंद दलित घटना स्थल की ओर दौड़े, लेकिन पुलिस ने आगे नहीं बढ़ने दिया। अफवाह फैली तो आसपास के कई गांव में दलित व ठाकुर आमने-सामने आ गए। बड़गांव में लोगों ने वाहनों को रोककर राहगीरों से मारपीट की। उधर, देर रात सहारनपुर शहर में जगह-जगह दलितों का जमावड़ा होने से दहशत का माहौल है।
 
उपद्रवियों पर रासुका लगेगी
फिलहाल कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। 10 लोग हिरासत में हैं। हालात काबू में हैं। उपद्रवियों पर रासुका लगाएंगे। हमलों में एक युवक की मौत हुई है जबकि डेढ़ दर्जन घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। -जेके शाही डीआइजी, सहारनपुर


 महाराणा प्रताप जयंती समारोह हुआ था पांच मई को
महाराणा प्रताप जयंती समारोह को लेकर गत पांच मई को गांव शब्बीरपुर में दलित व राजपूतों के बीच संघर्ष हुआ था। तब दलितों के करीब 57 घरों में आगजनी हुई। एक दर्जन से अधिक लोग हमले में घायल हुए थे, जबकि राजपूत पक्ष के युवक सुमित की मौत हो गई थी।

 प्रदेश में हाई अलर्ट, लखनऊ से भेजे गए अफसर
सहारनपुर में जातीय ङ्क्षहसा के बाद प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। डीएम, एसएसपी को जातीय रैलियों, आंदोलन, धरना-प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं देने का निर्देश दिया गया है। दूसरी ओर ङ्क्षहसा नियंत्रित करने के लिए मंगलवार शाम सचिव (गृह) मणि प्रसाद मिश्र के नेतृत्व में एडीजी (कानून व्यवस्था) एसटीएफ, सुरक्षा के वरिष्ठ अधिकारियों का विशेष विमान से सहारनपुर भेजा गया है। फिर हिंसा भड़कने से नाराज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी को तलब कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली और उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया।
 

माया को नहीं मिलने वाला घडि़याली आंसू का लाभ: सिद्धार्थनाथ
 सहारनपुर में बसपा प्रमुख मायावती द्वारा सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश पर भाजपा सरकार ने पलटवार किया है। सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि मायावती ने २०१७ में अपनी राजनीतिक जमीन खो दी है और उनके भाई ने दूसरी जमीन। अब माया को घडि़याली आंसू का लाभ नहीं मिलने वाला है। सरकार कठोर से कठोर कार्रवाई में कोताही नहीं बरतेगी ताकि जर्जर व्यवस्था दुरुस्त हो सके। मायावती के हेलीकॉप्टर न उतरने की इजाजत के सवाल पर प्रवक्ता ने कहा कि यह लोकल प्रशासन का फैसला होता है।



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