जानिए उसने क्यों रची खुद के अपहरण की साजिश...
Know why he made his own plot to kidnap;
आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी: कर्ज से बचने के लिए लोग कई जतन करते होंगे लेकिन खुद के ही अपहरण का नाटक बनारस में शायद पहले कोई किया हो। मामला कोचिंग संचालक का है जिसने मालिक के कर्ज से बचने के लिए खुद के अपहरण की साजिश रच डाली। बेटे ने अपने पिता के अपहरण का मुकदमा लंका थाने में दर्ज कराया था पुलिस गिरफ्त में पिता के आने के बाद फर्जी अपहरण का पटाक्षेप हुआ।
सीओ भेलूपुर अखिलेश सिंह ने फर्जी अपहरण का पटाक्षेप करते हुए बताया कि लंका के रहने वाले राम भरत ओझा के मकान में किरायेदार भरत तिवारी कोचिंग का संचालन करता था, किराये का लगभग 8 लाख रुपया बकाया हो जाने मकान मालिक की तगादे से बहुत परेशान हो गया था।
कर्ज से मुक्ति पाने के लिए उसने गायब होने का प्लान बनाया और अपने ही अपहरण की साजिश रच डाली। भरत तिवारी के बेटे आनंद तिवारी ने 8 जुलाई को लंका थाने पर पिता के अपहरण की सूचना देकर मुकदमा पंजीकृत कराया था। पुलिस ने कॉल डिटेल के आधार पर भरत तिवारी को लंका चौराहे से धरदबोचा और थाने ले जाकर कड़ाई से पूछताछ की तो उसने पूरी कहानी बयां कर दी। लंका पुलिस ने पिता पुत्र को फर्जी मुकदमा लिखाने के जुर्म में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।