मुख्यमंत्री जी प्रशासन के चश्मे से नही बल्कि अपने आँखों से देखिए प्रदेश का हाल, एम्बुलेंस के चलते घायल की मौत

UP सरकार की जवाबदेह 108 एंबुलेंस सेवा का दावा हुआ फेल,गोलियों से छलनी व्यापारी को नहीं मिली एंबुलेंस सेवा..

Update: 2017-08-29 06:32 GMT
आशुतोष त्रिपाठी
वाराणसी: यूपी सरकार भले ही बेहतर स्वास्थ्य के लिए अस्पतालों में बेहतर सुविधाएं देने का दम भरती हो और 108 एम्बुलेंस सेवा को जनता के प्रति जवाबदेह बनाने की दावा करती हो।

सीएम योगी के दो दिवसीय वाराणसी दौरे के जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही आई सामने, जबकि मुख्यमंत्री ने जिला अस्पताल का निरक्षण भी किया था और व्यवस्था भी परखी थी। याद हो कि गोरखपुर का हादसा भी सीएम योगी के निरीक्षण के बाद ही हुआ था।

लेकिन हकीकत में दावो की पोल उस समय खुलती नज़र आई जब गोलियों से छलनी व्यापारी मोहन निगम को जिला अस्पताल कबीरचौरा से सिंह मेडिकल लेकर जाना था और एम्बुलेंस सेवा नही मिल पाई,जबकि एम्बुलेंस मौके पर खड़ी थी लेकिन उसका चालक गायब था, खून से लथपथ स्टेचर पर पड़े व्यापारी को देख परिजन एंबुलेंस सेवा के लिए छटपटाते रहे लेकिन जिम्मेदारों का कहीं पता नहीं चला। थक हारकर परिजन ई-रिक्शा पर लादकर मोहन निगम को लेकर सिंह मेडिकल गए लेकिन उनकी जान नही बचाई जा सकी।
वाराणसी जिले के सरकारी अस्पतालों में अव्यवस्थाओं और भ्रष्टाचार का बोल-बाला इस कदर हावी होता जा रहा है की हर रोज इसमें कुछ न कुछ नई घटनाएं जुड़ रही हैं, जिसका खामियाजा मरीज़ों और उनके परिजनों को भुगतना पड़ रहा है।

ऐसे में कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि अभी भी संबंधित विभाग मरीजों के इलाज के लिए गंभीर नहीं है। मरीज को एम्बुलेंस सेवा नहीं मिलना सरकारी अस्पताल प्रशासन पर प्रश्न चिन्ह है।

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