सुप्रीम कोर्ट के आदेश को जस्टिस कर्णन ने बताया 'पागलपन', जानिए क्यों

Karanan refused to medical test

Update: 2017-05-04 11:43 GMT
कलकत्ता : अवमानना मामले का सामना कर रहे कलकत्ता हाईकोर्ट के जज जस्टिस CS कर्णन ने आज मेडिकल टेस्ट से इनकार कर दिया। इस दौरान कर्णन ने टीम को कहा कि वह पूरी तरह से ठीक हैं और उन्हें मेंटल टेस्ट की आवश्यकता नहीं है।

बता दे, कि सुप्रीम कोर्ट के सात जजों की बेंच के आदेश पर तीन सदस्यों की एक मेडिकल टीम सुबह न्यू टाउन एरिया स्थित जस्टिस कर्णन के घर पहुंची थी। मेडिकल टीम के पहुंचने से पहले जस्टिस कर्णन ने एक प्रेस ब्रिफिंग बुलाई थी।

CS कर्णन ने मेडिकल जांच को गैर-कानूनी बताते हुए कहा, कानून के अनुसार इस तरह की जांच में गार्जियन का हस्ताक्षर जरूरी है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को 'पागल न्यायाधीशों का पागलपन भरा आदेश' करार देते हुए जांच कराने से इनकार किया है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह केहर की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय पीठ ने सोमवार को कर्णन के मानसिक स्वास्थ्य की जांच के लिए 4 मई को एक मेडिकल बोर्ड के गठन का निर्देश दिया था और 8 मई को जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा था।

बता दे, कि न्यायमूर्ति CS कर्णन न्यायपालिका के अपमान और सर्वोच्च न्यायालय के कई न्यायाधीशों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर अवमानना का सामना कर रहे हैं। वही उन्होने कहा मेरी लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ है और मैं इसे जारी रखूंगा।

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