जस्टिस कर्णन ने चीफ जस्टिस जेएस खेहर समेत 7 जजों पर लगाया बैन, जानिए क्या

Justice karanan banned 7 judges including Chief Justice

Update: 2017-04-29 05:36 GMT
कलकत्ता : कलकत्ता हाई कोर्ट के जज जस्टिस सीएस कर्णन ने नई दिल्ली स्थित एयर कंट्रोल अथॉरिटी को निर्देश दिया है कि केस खत्म होने तक चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट 7 अन्य जजों को देश के बाहर यात्रा करने की इजाजत न दी जाए।

दरअसल सुप्रीम कोर्ट के सात जजों ने स्व-संज्ञान लेते हुए फरवरी में जस्टिस कर्णन के खिलाफ अदालत की अवमानना का आदेश जारी किया था। अवमानना का आदेश जनवरी में कर्णन द्वारा 20 जजों को भ्रष्ट बताते हुए उनके खिलाफ जांच की मांग के बाद जारी किया गया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस कर्णन के खिलाफ जमानती वारंट भी जारी किया था।

इसके बाद कलकत्ता हाईकोर्ट के जज न्यायाधीश कर्णन 31 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश भी हुए थे। 31 मार्च को हुई सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच के मुताबिक जस्टिस कर्णन के खत से ऐसा महसूस हुआ कि कर्णन प्रधानमंत्री को सीजेआई को सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के 20 जजों के खिलाफ लगाए भ्रष्टाचार की शिकायत वापस बिना किसी शर्त वापस लेंगे।

हालांकि बेंच के सामने पेश होने से पहले जस्टिस कर्णन ने कहा था कि वो तभी माफी मांगेंगे, जब सुप्रीम कोर्ट उनकी ज्यूडिशल और प्रशासनिक कार्य बहाल करेंगे, इस अपील को उच्च न्यायालय ने इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस कर्णन ने उनके द्वारा लगाए भ्रष्टाचार के आरोपों पर 4 हफ्ते के अंदर जवाब एफिडेविट जमा करने को कहा था और 1 मई को होने वाली अगली सुनवाई में पेश होने के लिए कहा था।

इससे पहले 13 अप्रैल को भी जस्टिस सीएस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और 7 जजों को 28 अप्रैल को अपनी अदालत में पेश होने का समन भेजा था। यह समन जस्टिस कर्णन ने अनुसूचित जाति/जनजाति (प्रताड़ना से संरक्षण) अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में जारी किया था।

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