बशीरहाट-दार्जिलिंग हिंसा पर ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर लगाया बड़ा आरोप!, जानिए क्या

ममता बनर्जी ने बंगाल हिंसा के लिए केंद्र सरकार पर हमला बोला है। ममता ने कहा कि राज्य में हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए केन्द्र सरकार ने कोई मदद नहीं की।

Update: 2017-07-08 12:04 GMT

कलकत्ता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाल हिंसा के लिए केंद्र सरकार पर हमला बोला है। ममता ने कहा कि राज्य में हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए केन्द्र सरकार ने कोई मदद नहीं की। उल्टे उनके मंत्री बंगाल में आकर हिसा को भड़का रहे हैं। ममता ने आरोप लगाया कि हिंसा के शुरुआती दिनों में ही उन्होंने केंद्र सरकार से CRPF बल की मांग की लेकिन केंद्र ने सहयोग नहीं किया।

इसके साथ ही ममता ने दार्जिलिंग के लोगों से शांति बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा, "मैं
दार्जिलिंग
से अपील करती हूं कि हिंसा का साथ न दें, शांति बनाए रखें।" ममता ने बशीरहाट और बदरुइया की घटना की न्यायिक जांच की बात कही है। ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल तक ही नहीं रुकीं। उन्होंने कहा कि कश्मीर जल रहा है, एमपी में किसान मर रहे हैं लेकिन भाजपा की सरकारें वहां हिंसा रोकने में सक्षम नहीं हैं।
ममता ने कहा कि भाजपा के सांसद और केंद्रीय मंत्री पश्चिम बंगाल आकर हिंसा को भड़का रहे हैं। बता दें कि शनिवार को भाजपा के तीन सांसद ओमप्रकाश माथुर, मीनाक्षी लेखी और सत्यपाल सिंह बशीरहाट जाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन पुलिस-प्रशासन ने उन्हें जाने से रोक दिया। भारत-चीन के बीच सिक्किम विवाद के बीच ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग हिंसा पर कहा कि इसके पीछे विदेशी साजिश है। बावजूद इसके सरकार वहां मदद नहीं कर रही है। ममता ने कहा कि लोकतंत्र में बातचीत से ही मुद्दों का समाधान निकाला जाता है लेकिन उनसे पहले शांति बहाली जरूरी है। उन्होंने दार्जिलिंग के लोगों से शांति बहाली की अपील की है।
इस बीच केंद्र सरकार ने बीएसएफ की चार कंपनियां बशीरहाट भेजी हैं। इससे पहले चार अतिरिक्त कंपनियां पहले ही गृह मंत्रालय भेज चुका है। इधर, दार्जिलिंग में भी सुबह एक शख्स की हत्या के बाद फैली हिंसा को देखते हुए केंद्र ने सेना की दो टुकड़ी कुरसेंग और सोनंदा में बहाल की है। दार्जिलिंग से 15 किलोमीटर दूर शनिवार की सुबह सोनंदा इलाके में यशी भूटिया नाम के एक शख्स की लाश बरामद की गई थी। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस ने आधी रात में उसकी हत्या कर दी है। उसके बाद लोगों ने शव के साथ विरोध-मार्च निकाला। बता दें कि पिछले एक महीने से गोरखालैंड की मांग पर दार्जिलिंग में आंदोलन चल रहा है।

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