रो रो कर लगाई जब इस महिला ने सीएम से गुहार, तो सीएम ने कर दिया सस्पेंड और कराया गिरफ्तार
उत्तराखंड के देहरादून में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के जनता दरबार में हंगामा करने वाली शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा 25 सालों से उत्तरकाशी के दुर्गम क्षेत्र में तैनात हैं. उत्तरा पंत बहुगुणा अपने ट्रांसफर की फरियाद लेकर सीएम के जनता दरबार पहुंची थी लेकिन मुख्यमंत्री की तरफ से एक बार फिर मिले आश्वासन के चलते अध्यापिका अपना आपा खो बैठीं और मुख्यमंत्री के जनता दरबार में ही जमकर हंगामा कर दिया.
#WATCH Uttara Pant Bahuguna, the teacher who was suspended by #Uttarakhand CM Trivendra Singh Rawat after she argued with him yesterday over her transfer, breaks down while talking about the incident. pic.twitter.com/mex8Z4ofLl
— ANI (@ANI) June 29, 2018
वहीं मुख्यमंत्री के आदेशों पर जनता दरबार में हंगामा करने वाली शिक्षिका को सीएम हाऊस में मौजूद पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. जिसके बाद मजिस्ट्रेट के आदेशों के बाद 151 के तहत चालान कर छोड़ दिया गया. वहीं अध्यापिका उत्तरा पंत बहुगुणा ने अपने दर्द को बयान करते हुए विभागीय अधिकारियों पर भी मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कई सवाल खड़े किए.
उत्तरा पंत बहुगुणा ने बताया कि पिछले 25 साल से घर से बाहर नौकरी कर रही हूं. इस दौरान मुझे कभी कोई परेशानी नहीं हुई क्योंकि उस वक्त हमारे पति साथ में थे, लेकिन तीन साल पहले हमारे पति का देहांत हो गया. उत्तरा पंत का कहना है कि उसका ट्रांसफर उत्तरकाशी से सुगम स्थान पर कर दिया जाए. वो 25 साल से एक ही स्थान पर कार्यरत है. पति की मौत के बाद उनके बच्चों की देखभाल करने वाला कोई नहीं है.
शिक्षिका उत्तरा पंत ने कहा कि मेरी उम्र अभी 57 है. मैं शारीरिक रूप से सब कुछ झेल लूंगी लेकिन मानसिक रूप से मेरा जो उत्पीड़न इन सब ने मिलकर किया है, मैं उसके आगे नहीं झुकूंगी. मैं कोई शतरंज का मोहरा नहीं हूं. मैं भ्रष्ट राजनीति के खिलाफ आवाज उठाऊंगीं.
वहीं सीएम त्रिवेंद्र रावत के जनता दरबार में हुए विवाद पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि काफी समय बाद सीएम ने जनता दरबार लगाया था. लेकिन उसमें एक महिला के साथ जो व्यवहार किया गया वह ठीक नहीं हुआ. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि जनता दरबार इसलिए लगाया जाता है ताकि जनता की समस्याओं को सुना जाए. (रिपोर्ट- अवनीश पाल )