मंगलवार विशेष : जानिये महिलायें क्यों नहीं कर सकती हनुमान पूजा ?

हमारे समाज में धर्म से जुड़ी कई भ्रांतियां हैं जिन्हें हम मान्यताओं का नाम देते हैं। इन मान्यताओं का जन्म कब हुआ, क्यूं हुआ और किस उद्देश्य से हुआ कई बार इसका सार्थक जवाब हासिल नहीं होता है। लेकिन फिर भी ये मान्यताएं हमारे भारतीय समाज से काफी गहरी जुड़ी हुई हैं।

Update: 2018-01-09 06:53 GMT
हनुमान पूजा
हमारे समाज में धर्म से जुड़ी कई भ्रांतियां हैं जिन्हें हम मान्यताओं का नाम देते हैं। इन मान्यताओं का जन्म कब हुआ, क्यूं हुआ और किस उद्देश्य से हुआ कई बार इसका सार्थक जवाब हासिल नहीं होता है। लेकिन फिर भी ये मान्यताएं हमारे भारतीय समाज से काफी गहरी जुड़ी हुई हैं।
हिन्दू धर्म में भी ऐसी कई मान्यताएं हैं जिन्हें कुछ तो लोग मानते हैं लेकिन कुछ इसका पूर्ण विरोध भी करते हैं। वहीं कुछ मान्यताओं को वैज्ञानिक रूप भी प्राप्त है, जिसके चलते उनके सही होने की पुष्टि भी हो जाती है।
सच या मिथ्या?
किंतु आज हम आपको हनुमान जी से जुड़ी एक मान्यता के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसे जानने के बाद शायद आपके मन में यह सवाल भी उठे कि यह केवल मान्यता नहीं वरन् सच है, लेकिन सच्चाई क्या है वह हम आपको बताएंगे।
महिलाएं नहींं कर सकतीं हनुमान पूजा?
शायद आपने कई बार सुना भी हो कि महिलाएं या कुंवारी कन्याएं हनुमान जी की पूजा नहीं कर सकती हैं। वे हनुमान जी की मूरत का स्पर्श नहीं कर सकतीं। वे हनुमान जी से जुड़े पूजा-कर्म इत्यादि नहीं कर सकती हैं। क्या यह सच है या महज एक मान्यता?
हिन्दू धर्म में (33 कोटि) देवी-देवता हैं। इन सभी की पूजा करने के नियम हैं, इन्हें प्रसन्न करने के लिए शास्त्रों में विभिन्न उपाय दर्ज हैं। किंतु महिलाओं की बात करें, तो वे किस देवी-देवता की पूजा नहीं कर सकती हैं, ऐसे कोई भी निषेध नियम हिन्दू शास्त्रों में उल्लिखित नहीं हैं।
शास्त्र क्या कहते हैं?
हिन्दू शास्त्र महिलाओं को हनुमान जी की पूजा की मनाही नहीं देता। शास्त्रों के अनुसार महिलाएं हनुमान जी की पूजा अवश्य कर सकती हैं, किंतु इससे जुड़े कुछ नियम अवश्य बताए गए हैं जिन्हें ध्यान में रखते हुए ही महिलाओं को हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार स्त्रियां भी पुरुषों की तरह हनुमान जी की पूजा उपासना कर सकती हैं तथा मंदिर जाकर प्रसाद भी चढ़ा सकती हैं। केवल लम्बे अनुष्ठान करने में प्राकृतिक बाधा आती है। अत: वे हनुमान चालीसा के प्रतिदिन 5 या 10 पाठ कर 20 या 10 दिन में 100 पाठ का अनुष्ठान कर सकती हैं।
जानिए वे क्या क्या कर सकती हैं
इसके अलावा वे हनुमान पूजन के समय कौन-कौन से कार्य कर सकती हैं और कौन से कार्य उनके लिए निषेध माने गए हैं, आइए जानते हैं...
महिलाएं हनुमान जी की पूजा में दीप अर्पित कर सकती हैं। गूगुल की धूनी रमा सकती हैं। महिलाएं हनुमान चालीसा, संकट मोचन, हनुमानाष्टक, सुंदरकांड आदि का पाठ कर सकती हैं।
शास्त्रों के अनुसार महिलाएं हनुमान जी का भोग प्रसाद भी अपने हाथों से बनाकर अर्पित कर सकती हैं।
ये कार्य नहींं कर सकतीं
चलिए अब उन कार्यों के बारे में बताते हैं जो महिलाएं हनुमान पूजा के दौरान नहीं कर सकती हैं। महिलाएं हनुमान जी से संबंधित लंबे अनुष्ठान नहीं कर सकती हैं, इसके पीछे उनका राजस्वला होना और घरेलू उत्तरदायित्व निभाना मुख्य कारण है।
महिलाएं बजरंग बाण का पाठ नहीं कर सकती हैं। वे अर्घ्यं समर्पित नहीं कर सकती हैं। इसके अलावा महिलाओं को हनुमान पूजा में पाद्यं अर्थात चरणपादुकाएं अर्पित नहीं करनी चाहिए।
वे आचमन नहीं कर सकती हैं। पूजा के दौरान या उससे पहले किसी भी समय वे पंचामृत स्नान नहीं करा सकती हैं। वस्त्र युग्मं अर्थात कपड़ों का जोड़ा समर्पित नहीं कर सकतीं।
यज्ञोपवीतं अर्थात जनेऊ अर्पित नहीं कर सकती। इसके अलावा आभरणानि अर्थात दंडवत प्रणाम नहीं कर सकती।

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