चंडीगढ़ मेयर के चुनाव पर जब सुप्रीमकोर्ट ने पूछा क्या एसे भी चुनाव होता है?

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में 'धांधली' पर रिटर्निंग ऑफिसर पर बिगड़ा SC, पूछा- क्या यह अधिकारी ऐसे ही चुनाव कराता है

Update: 2024-02-05 11:43 GMT

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तल्ख टिप्पणी की। मेयर चुनाव प्रक्रिया का वीडियो देखने के बाद प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ रिटर्निंग ऑफिसर पर बिगड़ गए। सीजेआई ने कहा कि 'यह लोकतंत्र का मजाक है। लोकतंत्र की हत्या हुई है। क्या यह रिटर्निंग ऑफिसर इसी तरह से चुनाव कराता है। यह जाहिर है कि रिटर्निंग ऑफिसर ने मतपत्रों को अपवित्र किया। हम नही चाहते की देश में लोकतंत्र की हत्या हो।'

मंगलवार को पेश नहीं होगा

चुनाव की पवित्रता बरकरार रखने के लिए CJI ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव की डिटेल पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार के पास जमा कराने का आदेश दिया। साथ ही उन्होंने नोटिस भी जारी किया। सीजेआई के आदेश के बाद चुनाव में इस्तेमाल बैलेट पेपर, वीडियो रिकॉर्डिंग रजिस्टर जरनल के पास सोमवार शाम पांच बजे तक जमा करने होंगे। चंडीगढ़ निगम का बजट अब मंगलवार को नही पेश होगा। सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक बजट पेश न करने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई अब 12 फरवरी को करेगा। शीर्ष अदालत ने कहा कि 'यह देखकर हम व्यथित हैं। इस व्यक्ति पर अभियोग दर्ज होना चाहिए। क्या रिटर्निंग ऑफिसर को इस तरह से काम करना चाहिए?'

चंडीगढ़ महापौर चुनाव में भाजपा की हुई थी जीत

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चंडीगढ़ महापौर चुनाव में जीत हासिल की थी और सभी तीन पदों पर अपना कब्जा बरकरार रखा था। इस चुनाव को कांग्रेस-आप गठबंधन के लिए झटका तौर पर देखा गया। पीड़ित पक्ष ने पीठासीन अधिकारी पर मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया। बुधवार को, उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुधीर सिंह और न्यायमूर्ति हर्ष बांगड़ की खंडपीठ ने आम आदमी पार्टी (आप) को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था।

AAP ने नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की थी

आप ने आरोप लगाया था कि मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ की गई थी। पार्टी ने एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की थी। उच्च न्यायालय ने चंडीगढ़ प्रशासन, नगर निगम, पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह और नवनिर्वाचित महापौर मनोज सोनकर समेत अन्य को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करने को कहा था। ‘आप’ पार्षद कुमार ने अंतरिम राहत देने से इनकार करने और याचिका को तीन सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील दायर की थी।

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