रोडरेज केस में नवजोत सिंह सिद्धू को बड़ी राहत, गैर इरादतन हत्‍या के मामले में सुप्रीम काेर्ट ने किया बरी

सिद्धू को आईपीसी की धारा 323 के तहत दोषी माना है. वहीं आईपीसी की धारा 304 के तहत दर्ज केस से उनको बरी कर दिया गया है.

Update: 2018-05-15 06:42 GMT
Navjot Singh Sidhu

नई दिल्ली : पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ 30 साल पुराने रोडरेज केस में सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने उनको इस मामले में महज एक हजार जुर्माना लगाकर छोड़ दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट द्वारा सुनाई गई तीन साल की कैद की सजा को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को मारपीट का दोषी तो करार दिया, लेकिन गैर इरादतन हत्‍या के अारोप से बरी कर दिया. इस तरह सिद्धू को अपनी राजनीतिक पारी में बड़ा जीवनदान मिला है.

सिद्धू को आईपीसी की धारा 323 के तहत दोषी माना है. वहीं आईपीसी की धारा 304 के तहत दर्ज केस से उनको बरी कर दिया गया है. धारा 323 के तहत किसी के साथ मारपीट करके जख्मी करने और धारा 304 के तहत गैर इरादतन हत्या का केस चलता है.

नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इसी पर आज फैसला आया है. 27 दिसंबर 1988 को पटियाला में सड़क पर 65 वर्षीय गुरनाम सिंह से बहस के बाद मुक्का मारने से उनकी मौत हो गई थी, जिसका आरोप सिद्धू पर लगा था. फिलहाल उनकी सजा पर रोक है और केस की सुनवाई जारी है. 

मृतक के परिजनों ने पिछली सुनवाई के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा 2012 में एक चैनल को दिए इंटरव्यू को सबूत के तौर पर पेश किया था. इसमें सिद्धू ने स्वीकार किया था कि उनकी पिटाई से ही गुरनाम सिंह की मौत हुई थी. 12 अप्रैल को सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सिद्धू ने झूठ बोला कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे.
पंजाब सरकार ने जवाब दाखिल करते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा कि 30 साल पुराने रोडरेज केस में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा नवजोत सिंह सिद्धू को दोषी ठहराए जाने का फैसला सही है. सिद्धू अभी पंजाब सरकार में पर्यटन एवं संस्कृति और स्थानीय निकाय मंत्री हैं. सरकार के कोर्ट में दिए इस बयान ने सिद्धू की परेशानी बढ़ा दी थी.
30 साल पहले गुरनाम की हुई मौत
पंजाब सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सिद्धू द्वारा मुक्का मारने से पटियाला निवासी गुरनाम सिंह की मौत हुई थी. उन्होंने ये भी कहा कि ट्रायल कोर्ट ने गलत फैसला सुनाया था कि गुरनाम सिंह की मौत हृदयगति रुकने से हुई थी, न कि ब्रेनहैमरेज से. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि यही वजह है कि हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट का फैसला पलट दिया था.
अपनी ही सरकार सिद्धू के खिलाफ
बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट में फैसले मद्देनजर कांग्रेस ने पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू से पहले से ही किनारा करना शुरू कर दिया. पहले खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार के वकील ने कहा कि हाईकोर्ट से सिद्धू को जो सजा दी गई, वो बिल्कुल सही है. इसके बाद कर्नाटक चुनाव प्रचार के स्टार प्रचारकों की लिस्ट से उनका नाम बाहर कर दिया गया.

Tags:    

Similar News