राजस्थान में सियासी संकट? कुछ निर्दलीय विधायकों के साथ 30 कांग्रेसी MLA सचिन पायलट के संपर्क में?

हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि उनकी सरकार पर कोई संकट नहीं है।

Update: 2020-07-12 15:20 GMT

राजस्थान में सियासी संकट गहराता जा रहा है। राजस्थान के 30 कांग्रेसी विधायक और कुछ निर्दलीय विधायक प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के संपर्क में हैं और उन्होंने कहा है कि वे (पायलट) जो भी फैसला लेंगे उसका पूरा समर्थन करेंगे। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से रविवार (12 जुलाई) को यह जानकारी दी। हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि उनकी सरकार पर कोई संकट नहीं है। 

राजनीतिक संकट उस समय पैदा हुआ जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रेस कॉफ्रेंस कर भाजपा नेतृत्व पर उनकी सरकार गिराने का प्रयास का आरोप लगाया था। भाजपा के नेताओं ने आरोपो का खंडन करते हुए कहा यह कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी लड़ाई का परिणाम है। उन्होंने यह आरोप एसओजी द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर लगाए हैं।

मुख्यमंत्री द्वारा लगाए आरोपों के तुरंत बाद भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि यह अंदरूनी लड़ाई का परिणाम है क्योंकि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच चल रही खींचतान के कारण हो रहा है। गहलोत द्वारा लगाए गए सभी आरोपों से भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है। उल्लेखनीय है कि 200 सीटों वाली राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के 107 विधायक हैं और पार्टी को कई निर्दलीय विधायकों और अन्य पार्टियों के विधायकों का समर्थन प्राप्त है।


दरअसल, राजस्थान कांग्रेस संकट में घिरी है। उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से रिश्ते अच्छे नहीं हैं। पायलट और कांग्रेस के कुछ विधायक फिलहाल दिल्ली में हैं और पार्टी आलाकमान से मुलाकात की मांग कर रहे हैं। दोनों शीर्ष नेताओं के बीच तकरार की वजह राज्य की पुलिस द्वारा विधायकों की ''खरीद-फरोख्त'' मामले की जांच का आदेश देना और पायलट को नोटिस भेजना है, जिसे लेकर पायलट नाराज हैं।

सूत्रों ने शनिवार (11 जुलाई) को कहा था कि राजस्थान पुलिस ने गहलोत और पायलट को भी नोटिस जारी कर कांग्रेस सरकार गिराने की कथित कोशिशों के संबंध में बयान दर्ज कराने के लिए कहा है। पुलिस के विशेष कार्यबल (एसओजी) ने सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी को भी बयान देने के लिए बुलाया है। एसओजी ने शुक्रवार (10 जुलाई) को हिरासत में लिए गए दो लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जो गहलोत सरकार गिराने के लिए कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त में कथित रूप से शामिल थे।

गहलोत ने शनिवार (11 जुलाई) को विपक्षी भाजपा पर आरोप लगाया था कि वह उनके विधायकों को बड़ी रकम देकर सरकार गिराने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार न केवल स्थिर है बल्कि वह अपना पांच साल का कार्यकाल भी पूरा करेगी। वहीं भाजपा ने गहलोत से इन आरोपों को साबित करने के लिए कहा है।

तीन निर्दलीय विधायकों ने किया कांग्रेस से किनारा

सत्ताधारी कांग्रेस सरकार ने शनिवार (11 जुलाई) को तीन निर्दलीय विधायकों खुशवीर सिंह, ओमप्रकाश हुडला, और सुरेश टॉक से अपने आप को दूर कर लिया। तीनों विधायकों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों ने भाजपा की ओर से सरकार को अस्थिर करने के लिए विधायकों को कथित तौर पर धन प्रलोभन देने के मामले में प्रारंभिक जांच का मामला दर्ज किया था। राज्य में सत्ताधारी कांग्रेस सरकार को सभी 13 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इन सभी विधायकों ने पिछले महीने राज्य सभा के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में मतदान किया था, लेकिन अब सरकार इनसे दूरी बना रही है। सूत्रों के अनुसार सरकार इन्हें अब समर्थक नहीं मान रही है।

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