पद्मावत विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, सबसे ज्यादा विकट स्थिति राजस्थान में है...
हिमा जयपुर
प्रदेश की सरकार के हाथ-पाँव फूले हुए है क्योंकि इसी सप्ताह में प्रदेश की राजधानी जयपुर में हर साल होने वाला साहित्यिक मेला 【 JLF】 होने जा रहा है, इसी सप्ताह 'गणतंत्र- दिवस' है। इतना ही नहीं इसी सप्ताह में 29 जनवरी को यहाँ तीन सीटों पर उपचुनाव भी होने हैं।
सरकार व प्रशासनिक अमले की कठिन परीक्षा का समय है। पुलिसकर्मियों की छुट्टियाँ रद्द कर दी गयी हैं। राजस्थान में इस समय IPS समेत एक लाख से अधिक की नफरी है। बताया जा रहा है कि सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ामों के साथ प्रदेश की पुलिस मुस्तैद है। अकेले 'जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल' में सुरक्षा के लिए 1000 पुलिसकर्मी तैनात किए जा रहे हैं जिनमे से 200 खुफिया विभाग के होंगें।
यदि इस फेस्टिवल में प्रसून जोशी आते हैं तो हो सकता है कि पुलिस का अतिरिक्त जाब्ता लगवाना पड़े। इसी तरह प्रदेश के लगभग 180 सिनेमाघरों के बाहर भी पुलिस की टीम मौज़ूद रहेगी। अब देखना यह है कि प्रदेश के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया और उनकी टीम लॉ एंड ऑर्डर को सँभालने में कहाँ तक सफल होती है। मौजूदा सरकार इस चुनौती का सामना कैसे करेगी,यह आने वाला समय बताएगा।