'बाबा रामसा पीर' मेरे लिए महज एक फिल्म नहीं है बल्कि आध्यात्मिक रूप से समृद्ध होने का अनुभव भी है - अभिनेता और निर्माता आशिम खेत्रपाल
हिमा अग्रवाल
जयपुर। फिल्म 'बाबा रामसा पीर' अगले महीने 12 जनवरी 2018 को रिलीज़ होने रिलीज करने के लिए तैयार है। शिरडी साई बाबा फाउंडेशन की पहल पर निर्मित यह फिल्म ओरिएंट ट्रेडलाइन लिमिटेड की प्रस्तुति है। शिरडी साईं बाबा फेम अभिनेता और निर्माता आशिम खेत्रपाल, ग्रेसी सिंह के साथ 'बाबा रामसा पीर की प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। ग्रेसी सिंह ने 2001 की फिल्म फिल्म 'लगान' में गौरी की भूमिका निभाई थी। यह फिल्म महान संत और सामाजिक सुधारक बाबा रामदेव के जीवन पर आधारित है। पश्चिमी तट पर 14 वीं शताब्दी में हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश फैलाने वाले वह पहले व्यक्ति थे, इसलिए हिन्दू और मुस्लिम दोनों की उनमे सामान आस्था है।
फिल्म के बारे में जानकारी देने के लिए आज पिंकसिटी प्रेस क्लब, जयपुर में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। अभिनेता और निर्माता आशिम खेत्रपाल ने पत्रकारों को जानकारी दी कि "ओरिएंट ट्रेडलाइन लिमिटेड" द्वारा प्रोड्यूस की गयी फिल्म 'बाबा रामसा पीर मेरे लिए महज एक फिल्म नहीं है बल्कि आध्यात्मिक रूप से समृद्ध होने का अनुभव भी है। मैं खुद को बहुत ही भाग्यशाली मानता हूं कि मुझे राजस्थान के एक महान संत बाबा रामदेव का रोल निभाने का अवसर मिला। यह फिल्म सामाजिक समरसता का सन्देश देती है।" उन्होंने कहा कि यह एक अच्छी पारिवारिक फिल्म है, समाज के सभी वर्ग के लोगों को देखनी चाहिए।
बाबा रामसा पीर "12 जनवरी 2018 को रिलीज़ होने की होगी। फिल्म उस काल खंड को जीवित करती है जब बाबा रामसा पीर ने मानवता, शांति, प्रेम और उपचार को जन्म दिया। पांच फ़ारसी पीरों ने बाबा को यह नाम दिया था, क्योंकि बाबा ने गरीब और दलित लोगों के उत्थान के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। राजस्थान के एक महान संत और सुधारक बाबा रामसा पीर को भगवान विष्णु के पुनः अवतार के रूप में बहुत से माना जाता है।
प्रेस वार्ता में आशिम खेत्रपाल के साथ राजस्थानी अभिनेता श्रवण सागर एवं महिला उद्यमी अलका बत्रा भी उपस्थित थे। अलका बत्रा ने इसे एक बहुत ही सराहनीय प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि फिल्म न सिर्फ मनोरंजन का माध्यम है बल्कि देश और समाज के निर्माण में भी सहायक रही हैं। संतों के जीवन-सन्देश हमें मानवता के करीब लाते हैं और अच्छे इंसान बनाने की प्रेरणा देती हैं। आज के माहौल में ऐसी सार्थक फिल्मों की बहुत ज़रुरत है। उन्होंने पूरी टीम को इसकी सफलता के लिए बधाई दी। अभिनेता श्रवण सागर ने इस फिल्म को मील का एक पत्थर बताया बताते हुए कहा कि "हालांकि मैंने इस फिल्म में अभिनय नहीं किया है फिर भी हमारे प्रदेश की तपोभूमि में हमारे संत पर बनी फिल्म के प्रमोशन का हिस्सा बनते हुए बेहद सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूँ। यह फिल्म बहुत लोकप्रिय होगी क्यों की इसमें हम सबके जीवन से जुड़ा अध्यात्म समाहित किया गया है, एक किसी धर्म की नहीं बल्कि हर व्यक्ति के आचार, विचार और संस्कार से जुडी है।