शाह का ऑपरेशन हंट जल्द शुरू, मैडम की हो सकती है छुट्टी, भाजपा में होगी मारधाड़
राजस्थान भाजपा में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले आंतरिक मारधाड़ होना अवश्यम्भावी होगया है।;
राजस्थान भाजपा में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले आंतरिक मारधाड़ होना अवश्यम्भावी होगया है। आंतरिक लड़ाई और वसुंधरा की हठधर्मिता के चलते मैडम को चलता कर दिया जाए तो कोई ताज्जुब नही होना चाहिए। हालांकि मैडम से पंगा लेना भाजपा आलाकमान को भारी पड़ सकता है। लेकिन राजनीति में कुछ भी सम्भव है। भाजपा आलाकमान मैडम के विकल्प की तलाश में है। फिलहाल उसकी नजर केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह पर अटकी हुई है।
यह सर्वविदित है कि मैडम और भाजपा आलाकमान के बीच जबरदस्त पंगा चल रहा है। जोश में आकर आलाकमान ने अशोक परनामी को भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष पद से हटा तो दिया, लेकिन अपनी पसंद का अध्यक्ष कुर्सी पर बैठा पाने में आलाकमान नाकामयाब रहा। नतीजतन परनामी को इस्तीफा दिए करीब 3 माह होगये, लेकिन मैडम के अड़े रहने की वजह से आलाकमान असहाय और विवश है।
आलाकमान अध्यक्ष पद पर जोधपुर के सांसद गजेन्द्रसिंह की नियुक्ति की घोषणा तो कर चुका, लेकिन मैडम ने इस नाम को सिरे से खारिज कर दिया। वसुंधरा राजे इस पद पर पर अपने कोई खास प्यादे जैसे श्रीचंद कृपलानी या अरुण चतुर्वेदी को बैठाना चाहती है। कभी चतुर्वेदी और मैडम में 36 का आंकड़ा था। लेकिन अब चतुर्वेदी मैडम के सबसे ज्यादा यसमैन बने हुए है। हो सकता है कि परनामी फिर से अध्यक्ष बन जाये।
मिशन 2019 भाजपा, अमित शाह और मोदी के लिए सबसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है। आलाकमान यह मानकर चल रहा है कि अगर चुनाव वसुंधरा के नेतृत्व में लड़े जाते है तो भाजपा को बमुश्किल 35 सीट ही मिलने की उम्मीद है। अमित शाह द्वारा कराए गए एक गोपनीय सर्वे के मुताबिक आगामी चुनाव में भाजपा को राजस्थान में 32 से 41 सीट मिलने की ही उम्मीद है। मैडम के प्रति कार्यकर्ताओ, विधायको और जनता में जबरदस्त आक्रोश है।
राजस्थान की कमान खुद अमित शाह ने संभालने का निर्णय किया है। खबर मिली है कि उनके कार्यालय कम आवास के लिए उपयुक्त मकान की तलाश की जा रही है। आईटी सेल के लिए एक 3 बीएचके का मकान ले लिया गया है जिसकी जिम्मेदारी किसी आनंद शर्मा नामक व्यक्ति को सौंपी गई है। चर्चा यह भी है कि कभी अंतरराष्ट्रीय स्तर के रत्न शहंशाह रहे डबल एस (शिव शंकर गुप्ता) के पूर्व आवास गंगा निवास को किराए पर लिया जाए। यह आलीशान भवन भाजपा कार्यालय के ठीक सामने है। चर्चा यह भी है शाह गंगा निवास को खरीदने के भी इच्छुक है जो फिलहाल मुम्बई के एक व्यवसायी की मिल्कियत है।
अमित शाह अपने कार्यालय को "शिकारगाह" का नाम दे चुके है। यहां ये हर माह तीन चार दिन के लिए आएंगे और नए चेहरों की तलाश होगी। अमित शाह के शिकारगाह से मैडम के निकटतम लोगो के अलावा उन कांग्रेसियो का भी शिकार किया जाएगा जो पार्टी के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकते है। चूँकि यह सारा ऑपरेशन मैडम के समानांतर चलाया जाएगा। ऐसे में अमित शाह और मैडम के बीच सीधी और खुली जंग होना स्वभाविक है। उधर राज्यवर्द्धन सिंह को आगे लाने से राजपूतो के वोट मैडम से खिसकना लाजिमी है। शाह इसी महीने जयपुर आ रहे है। लेकिन अभी उनके आने की तिथि तय नही है।