राजस्थान हिन्दू महासभा बनाम पुलिस: पथराव, लाठीचार्ज और तनाव के बाद ड्रोन से निगरानी
राजस्थान के बूंदी शहर में नए साल के पहले दिन हिंसक प्रदर्शन के बाद तनाव फैला हुआ है। शहर में एक विवादित स्थल पर पूजा पर अड़े प्रदर्शनकारियों पर पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। हिंदू महासभा सदस्यों ने एक जुलाई को बूंदी के मंधाता बालाजी मंदिर में पूजा करने का आह्वान किया था।
किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए प्रशासन ने शहर में बेहद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। बावजूद इसके बड़ी संख्या में लोग पूजा करने के लिए शहर के मीरा गेट पर जमा हो गए। जब पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की तो कुछ लोगों ने पथराव कर दिया।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की। जब उन पर काबू नहीं पाया जा सका, तो पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। कुछ प्रदर्शनकारी घायल हुए जिन्हें अस्पताल ले जाया गया।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि समूची बूंदी पुलिस को शांति व सौहार्द बनाए रखने के लिए उतार दिया गया है। उन्होंने कहा कि हालात तनावपूर्ण हैं और पुलिस चौकन्नी है। प्रशासन ने शहर के संवेदनशील इलाकों की निगरानी के लिए ड्रोन की मदद ली है।
बूंदी की जिलाधिकारी एवं आयुक्त शिवांगी स्वर्णकर ने शनिवार रात आठ बजे से ही शहर में धारा 144 लगा दी थी। संगठनों द्वारा सोशल मीडिया व अन्य साइट पर भड़काऊ संदेशों और सामग्रियों को फैलाने से रोकने के लिए इंटरनेट पर अस्थायी रोक लगा दी गई। हिंदू महासभा सदस्यों ने ऐलान किया था कि वे विवादित स्थल तक बड़ा मार्च निकालेंगे और वहां पूजा करेंगे।
विश्व हिन्दू परिषद का मानना है कि 100 साल पहले मंधाता छतरी मंदिर में देव प्रतिमाएं स्थापित थीं और वहां लोग पूजा करते थे। वर्ष 1917 में आकाशीय बिजली गिरने से यह मंदिर क्षतिग्रस्त हो गई। मंदिर का मलबा सालों तक वहीं पड़ा रहा। बाद में कुछ असामाजिक तत्वों ने मंदिर के अवशेष तालाब में फेंक दिए।
हाल ही वन विभाग ने वहां रेस्टोरेशन शुरू किया तो बालाजी की मूर्ति मिली। सूचना देने पर प्रशासन ने मूर्ति को चबूतरे पर स्थापित करवा दिया। उसके बाद से हिन्दूवादी संगठनों के लोग वहां पूजा करने पर अड़ गए और एक जनवरी को पूजा करने का एलान कर दिया।