राजस्थान तबादला उधोग तेजी से विकसित, शिक्षा विभाग में रिश्वत की रेट में तेजी से इजाफा

राजस्थान में तबादलों पर हटे प्रतिबन्ध के बाद रिश्वत की रेट में एकाएक जबरदस्त इजाफा होगया है।;

Update: 2018-06-02 05:12 GMT
राजस्थान में तबादलों पर हटे प्रतिबन्ध के बाद रिश्वत की रेट में एकाएक जबरदस्त इजाफा होगया है। सबसे ज्यादा उछाल शिक्षा विभाग में आया है। जहां पहले थर्ड ग्रेड टीचर के ट्रांसफर का ठेका 50 हजार में उठता था। अब थर्ड ग्रेड टीचर को एक लाख तथा अन्य जिले से वांछित जिले में आने पर डेढ़ लाख खर्च करने होंगे। कल विधायक और शिक्षा मंत्री के बीच हुए घमासान के बाद विधायको के दलालो ने और ज्यादा मुँह फाड़ना शुरू कर दिया है। तबादलों की कबड्डी वैसे तो सभी विभागों में जारी है। लेकिन आज शिक्षा विभाग ही केंद्र बिंदु है।
मंत्री लोग बेचारे विधायको की व्यथा नही समझ रहे है। बहुत दिनों बाद तो कमाई का सीजन आया है, लेकिन संबंधित मंत्री विधयकों द्वारा पेश सूची के हिसाब से तबादला करने को राजी नही है। अगर मंत्रियों ने विधायको की सूची के अनुसार तबादले नही किये तो विधायको के लाखों रुपये डूबने का अंदेशा है।
इन दिनों तबादलों के नाम पर जोरो की लूट मची हुई है । मंत्री और विधायक दोनो को इस बात का अहसास है कि पैसे बटोरने का यह आखिरी मौका है। क्योकि अगली बार ना तो उनकी सरकार आने वाली है और ना ही वे जीतने वाले है। इसलिए डरा-धमकाकर मंत्रियों पर तबादला करने का दबाव बनाया जा रहा है । शिक्षा विभाग में तबादलों की सबसे ज्यादा मारामारी है। प्रिंसिपल/व्याख्याता 1 लाख, सेकंड ग्रेड 75 हजार, थर्ड ग्रेड टीचर और एलडीसी 50 हजार तथा अंतर जिला स्थानांतरण न्यूनतम 75 हजार रुपए। मंत्री, स्टाफ, विधायक, चमचे तथा कार्यकर्ता तक इस व्यवसाय में सक्रिय है। इसके अलावा मंत्री का निजी स्टाफ, रिश्तेदार, शिक्षा विभाग के बाबू और अफसर सब छलांग लगाकर माल समेटने में एक दूसरे को पछाड़ रहे है।
अलवर जिले के एक विधायक ने करीब 250 लोगो से तबादले का समझौता कर रखा है। कुछ ने एडवांस भी दे रखे है तो अन्य लोगो की गारंटी दलालो ने ले रखी है। सीधे दो करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट है । विधायक की लंबी सूची देखकर मंत्री भड़क गए। दोनो में खूब कुत्ता फजीती हुई। विधायक ने भी कह दिया कि मंत्रीजी- आप भी दूध के धुले नही हो। सात फार्म हाउस कहां से आये ? अजमेर से लेकर जयपुर तक आपके ही फार्म हाउसों की चर्चा है। सहमे हुए मंत्री ने तुरंत तबादला सूची पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
शिक्षक या अन्य कर्मचारियों को यह समझ लेना चाहिए कि यदि विधायक ने केवल डिजायर की है तो समझो तबादला कभी होगा ही नही। पिछले साल की डिजायर को तो अभी देखा ही नही गया। इस बार की डिजायर सचिवालय, पाठ्य पुस्तक मंडल और मंत्रीजी के घर की शोभा बढ़ा रही है। अगर विधायक खुद मंत्री के पास सूची लेकर जाता है तो समझो सौ फीसदी काम होगया। वरना डिजायर लिखने का मतलब आपको मूर्ख बनाया जा रहा है।

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