रात को सोने से पहले करें ऐसा तो नहीं होगी कभी भी धन की कमी

Update: 2016-01-24 09:14 GMT




शास्त्रों में सूर्य उदय से अगले सूर्य उदय तक का समय दिवस कहलाता है। एक दिवस को पहरों में अवरूद्ध किया गया है। दिन और रात के बराबर होने पर एक पहर लगभग तीन घण्टे का कहा जाता है। इसी के अनुसार चार पहर दिन के और चार पहर रात के कहे गए हैं। सूर्य उदय से पहला प्रहर देव उपासना को समर्पित है इसके अतिरिक्त दिन का दूसरा, चौथा और पांचवां प्रहर शास्त्रों में देव दर्शन, भोजन बनाने के लिए और शुभ कामों के लिए निर्धारित किया गया है। शास्त्रों में पांचवें और छठे प्रहर को रात्रि कहा जाता है। जिसका संबंध कामदेव की पत्नी रती से है। शब्द रात्री रती से ही उत्पन्न हुआ है। रात के समय कुछ ऐसे काम होते हैं जिन्हें करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-सुविधाएं और धन का अर्जन होता है।

रात के समय घर की दक्षिण और पश्चिम दिशा में दीपक करने से पितरों का मार्ग प्रशस्त होता है।

देव स्थान पर दीपक करने से लक्ष्मी का आगमन घर में होता है।

शयन कक्ष में कपूर जलाने से सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है जिससे पति-पत्नी में प्रेम संबंध प्रगाड़ होते हैं।

गुगल धूप जलाने से घर में भूत-प्रेत पलायन करते हैं।

पैर धो कर सोना चाहिए।

बिस्तर साफ करके सोना चाहिए।

सोते समय पांव उत्तर दिशा में होने चाहिए।

माता-पिता के सोने के बाद सोना चाहिए।

माता-पिता के चरण स्पर्श करके सोना चाहिए।

आचार्य कमल नंदलाल

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