प्रत्येक दिन तुलसी के पत्ते तोड़ना है वर्जित, इस मंत्र के जाप से नहीं लगता है दोष, जानिए-तुलसी के पत्ते तोड़ने के नियम

आइए जानें तुलसी के पत्ते तोड़ने के नियम और मंत्रों के बारे में...;

Update: 2022-09-16 08:33 GMT

हिंदू धर्म में देवी-देवता तो पूज्यमान हैं ही, साथ ही साथ यहाँ, पशु-पक्षी और पेड़-पौधों को भी विशेष स्थान प्राप्त है। इन्हीं में से एक है तुलसी का पौधा, जो कि पूजनीय और पवित्र माना गया है। तुलसी के पौधे का अस्तित्व, हर घर के आँगन में, आज से नहीं, बल्कि प्राचीन काल से ही है। घर पर हरा-भरा तुलसी का पौधा पवित्रता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को तीर्थ स्थान के समान मानकर, इसकी पूजा और परिक्रमा करने का विधान है। साथ ही कई धार्मिक अनुष्ठानों में तुलसी की पत्तियों का प्रयोग किया जाता है। भगवान विष्णु और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा तो तुलसी अर्पित किए बिना अधूरी मानी जाती है। कहते हैं कि तुलसी के पत्ते से किए गए व्रत, यज्ञ, जप और हवन से पुण्यफल की प्राप्ति होती है।

पुराणों में तुलसी की पत्तियों को तोड़ने के कुछ नियमों के बारे में बताया गया है। यदि आप किसी भी दिन और किसी भी समय, तुलसी की पत्तियां तोड़ लेते हैं तो इससे घर में दुर्भाग्य आ सकता है।

आइए जानें तुलसी के पत्ते तोड़ने के नियम और मंत्रों के बारे में...

तुलसी पत्ते तोड़ने के नियम

एकादशी का दिन भगवान विष्णु जी की पूजा के लिए समर्पित माना गया है। भगवान विष्णु को तुलसी अत्यंत प्रिय होती है, जिसके बिना विष्णु जी की पूजा अधूरी मानी जाती है। लेकिन इस दिन तुलसी के पत्ते न तोड़ें। एकादशी के दिन तुलसी चढ़ाने के लिए आप एक दिन पहले, यानी दशमी तिथि को ही तुलसी के पत्ते तोड़कर रख लें। कहते हैं कि गंगाजल के समान तुलसी की पत्तियां बासी नहीं होतीं, पवित्र रहती हैं।

मान्यता है कि रविवार, चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण के दिन भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। कहते हैं कि इन दिनों में तोड़ी गई तुलसी की पत्तियों से पूजा का फल प्राप्त नहीं होता है। साथ ही रविवार के दिन तुलसी के पौधे में जल चढ़ाना और उसे छूना वर्जित माना जाता है।

सूर्यास्त के बाद कभी भी तुलसी के पत्ते न तोड़ें। माना जाता है कि सूर्यास्त के बाद तुलसी के पत्ते तोड़ने से घर में दुर्भाग्य आता है।

पौराणिक धर्म ग्रंथ में तुलसी का पौधा पूजनीय माना गया है, इसलिए इसकी पत्तियां तोड़ते समय विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। शास्त्रों में बताया गया है कि तुलसी के पत्ते तोड़ने से पहले हाथ जोड़कर प्रार्थना करनी चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखें कि पत्तियां, नाखून की सहायता से न तोड़ी गई हों।

तुलसी के पत्ते तोड़ने से पहले बोलें यह मंत्र:

ॐ सुभद्राय नम:

ॐ सुप्रभाय नम:

मातस्तुलसि गोविन्द ह्रदयानन्द कारिणी

नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते ||

तुलसी का पौधा घर की शोभा तो बढ़ाता ही है, साथ ही इसका दिव्य स्वरूप आपको अच्छे फल प्रदान करता है। इसीलिए हमें इसका पूजन, विधि-विधान के साथ करना चाहिए।

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