सुल्तानपुर: भगवान श्री कृष्ण के आगमन से गोकुल का कण कण चमकने लगा चारो तरफ प्रकृति ने नया सिंगार किया उक्त बातें शहर के दरियापुर स्थित अंबेडकर पार्क में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन गायत्री पीठ हरिद्वार से पधारे कथा व्यास जगन्नाथ उपाध्याय ने कही।
कथा के पांचवें दिन उपस्थित श्रद्धालुओं को कथा व्यास ने भगवान श्री कृष्ण के जन्म का प्रसंग वर्णन करते हुए कहा भगवान श्री कृष्ण के जन्म के समय मथुरा कारागार के सभी ताले टूट गए भगवान श्री नारायण ने देवकी वसुदेव को दर्शन दिए तत्पश्चात छोटे पुत्र के रूप में अवतरित हुए। बसुदेव भगवान श्री कृष्ण को लेकर आधी रात को यमुना पार कर गोकुल पहुंचे जहां नंद बाबा के घर बालक को रख कर वहां से कन्या को लेकर वापस जेल पहुंच गए। उधर जेल में देवकी के आठवें सन्तान की सूचना पर राजा कंस कारागार पहुंचे जहां वसुदेव ने उनसे आठवी संतान कन्या होने की बात कही।
किंतु कंस ने कन्या को जैसे ही हाथ में लेकर शिला पर पटकना चाहा वैसे ही कन्या छिटक कर आसमान की ओर चल पड़ी और आकाशवाणी हुई की कंस तुझे मारने वाला गोकुल में जन्म ले चुका है। बाद में कन्या विंध्याचल पर्वत पर माँ विंध्यवासिनी के रूप में स्थापित हुई।आकाशवाणी सुनने के बाद से ही कंस के ऐय्यारो ने तरह तरह से भगवान श्री कृष्ण को मारने की चाल चली पर भगवान श्री कृष्ण ने सभी को बाल लीलाओं के माध्यम से वध करते हुए परिवर्तन की ,भक्ति की, धर्म की स्थापना को कदम बढ़ाया कथा व्यास ने गोकुल प्रस्थान, महामाया जन्म ,पूतना वध बकासुर वध समेत गोवर्धन महाराज की कथा का विस्तार से वर्णन किया कथा के आयोजक द्वारिका प्रसाद बरनवाल सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। कथा श्रवण में हरिमूर्ति पांडे अयोध्या प्रसाद शुक्ला सीताराम सोनी सभासद राजदेव शुक्ला राधेश्याम ,विमल चंद्र, शुक्ला ,संतोष शुक्ल ,रवि दूबे ,सिंकू वरनवाल ,रिंकू वरन वाल आदि दर्जनों लोग मौजूद रहे।