जानिए मकर संक्रांति पर क्या करें और क्या नहीं, क्या हैं नियम और संक्रांति का अर्थ

Update: 2020-01-14 10:53 GMT

नई दिल्ली। इस साल मकर संक्रांति पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। सूर्य 14 जनवरी की रात करीब 2 बजे धनु से मकर राशि में प्रवेश करेगा। इसलिए 15 जनवरी को सूर्योदय के साथ स्नान, दान और पूजा-पाठ के साथ ये त्योहार मनेगा। लेकिन पिछले कुछ सालों से ये मकर संक्रांति कभी 14 तो कभी 15 जनवरी को मनाई जा रही है। सूर्य की चाल के अनुसार मकर संक्रांति की तारीखों में बदलाव होता है। आने वाले कुछ सालों बाद ये पर्व 14 नहीं बल्कि 15 और 16 जनवरी को मनाया जाएगा। जानिए कि मकर संक्रांति पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।

मकर संक्रांति पर क्या करें-

– मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान का बहुत महत्व है. दूर-दूर से लोग इस दिन गंगा नदी में स्नान करने पहुंचते हैं. गंगा के अलावा अन्य पवित्र नदियों में भी स्नान किया जाता है. यदि आप नदी में स्नान नहीं कर सकते तो अपने घर में ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें.

– स्नान करने के बाद सूर्य भगवान को जल चढ़ाएं. मकर संक्रांति के दिन सूर्य देवता की पूजा करने से जीवन में खुशियां आती हैं.

– संक्रांति पर भगवान शिव, विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा भी करें.

– मकर संक्रांति के दिन दान का विशेष महत्व है. गरीबों को अन्न, कपड़ें आदि दान करें. गाय को चारा खिलाएं और सेवा करें. पौधे लगाएं.

– घर में नया झाड़ू खरीद कर लाएं, इससे मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी.

– अपने बड़ों का आशीर्वाद लें, उनका आदर-सम्मान करें.

– संक्रांति के दिन अपनी तिजोरी में रखे जेवरातों को निकालें और उन्हें गंगाजल से धोएं. इसके बाद उनपर हल्दी लगाकर पहनें.

– घर में तिल और खिचड़ी बनाएं और ब्राह्मण भोज के बाद निर्धनों को दान करें. अपने परिवार के साथ बैठकर खुद भी खाएं.

मकर संक्रांति पर क्या न करें-

– मकर संक्रांति के दिन आपको तन के साथ-साथ मन भी साफ रखना चाहिए. इस दिन जिनसे भी मिलें, उनसे आदर और प्रेम से बात करें. किसी का दिल न दुखाएं.

– मकर संक्रांति के दिन पेड़-पौधों को नुकसान न पहुंचाएं. हो सके तो हरी सब्जियां, फल वगैरह का सेवन भी न करें. फूल, पत्ती आदि न तोड़ें. तुलसी को नुकसान भी न पहुंचाएं.

– मकर संक्रांति के त्योहार पर घर में बड़ों का अनादर न करें. भगवान सूर्य और शनि देव आपसे रूठ सकते हैं.

– मकर संक्रांति के दिन काले रंग के कपड़ों से परहेज करें. काला वस्त्र धारण न करें.

– मकर संक्रांति के दिन तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए. आलू, लहसून, प्याज आदि जमीकंद समेत मांसाहार भोजन का सेवन न करें.

– मकर संक्रांति के दिन शराब का सेवन करना वर्जित है, भूलकर भी मद्यपान न करें.

– किसी भी गरीब अथवा पशु को दान करते समय दुर्भावना मन में न लाएं. पुराना अथवा बासी भोजन दान न करें.

संक्रांति का अर्थ

जितने समय में पृथ्वी सूर्य के चारों ओर एक चक्कर लगाती है, उस अवधि को सौर वर्ष कहते हैं। पृथ्वी का गोलाई में सूर्य के चारों ओर घूमना क्रान्तिचक्र कहलाता है। इस परिधि चक्र को बांटकर बारह राशियां बनी हैं। सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करना संक्रान्ति कहलाता है। इसी प्रकार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने को मकर संक्रान्ति कहते हैं। 12 राशियां होने से सालभर में 12 संक्रांतियां मनाई जाती हैं।


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