शनिवार को पढ़े सुंदरकांड का पाठ, होगी सारी मनोकामना पूरी

Update: 2022-06-04 06:04 GMT

कलयुग के रक्षक कहे जाने वाले संकटमोचन हनुमान जी की पूजा मंगलवार और शनिवार की जाती है। हनुमानजी की पूजा सबसे जल्दी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाली मानी गई है। मनोकामना के साथ-साथ हर कष्टों का निवार्ण भी करते हैं बजरंगबली। शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं।

हिन्दू धर्म की प्रसिद्ध मान्यता के अनुसार सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त की मनोकामना जल्द पूर्ण हो जाती है। जहां एक ओर पूर्ण रामचरितमानस में भगवान के गुणों को दर्शाया गया है उनकी महिमा बताई गई है, लेकिन दूसरी ओर रामचरितमानस के सुंदरकांड की कथा सबसे अलग और निराली है। ज्योतिषविद् अनीष व्यास के मुताबिक सुंदरकांड के महत्व को मनोवैज्ञानिकों ने भी बहुत खास माना है। शास्त्रीय मान्यताओं ने ही नहीं विज्ञान ने भी सुंदरकांड के पाठ के महत्व को समझाया है। विभिन्न मनोवैज्ञानिकों की राय में सुंदरकांड का पाठ भक्त के आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति को बढ़ाता है।

सुंदरकांड की महत्ता

हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार, सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त की मनोकामना जल्द पूर्ण हो जाती है। सुंदरकांड गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई रामचरितमानस के सात अध्यायों में से पांचवा अध्याय है। रामचरितमानस के सभी अध्याय भगवान की भक्ति के लिए हैं लेकिन सुंदरकांड का महत्व अधिक बताया गया है।

जहां एक ओर पूर्ण रामचरितमानस में भगवान के गुणों को दर्शाया गया है उनकी महिमा बताई गई है लेकिन दूसरी ओर रामचरितमानस के सुंदरकांड की कथा सबसे अलग और निराली है। इसमें भगवान राम के गुणों की नहीं बल्कि उनके भक्त के गुणों और उनकी विजय के बारे में बताया गया है।

कहा जाता है सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त को हनुमान जी बल प्रदान करते हैं। उसके आसपास भी नकारात्मक शक्ति भटक नहीं सकती। यह भी माना जाता है कि जब भक्त का आत्मविश्वास कम हो जाए या जीवन में कोई काम ना बन रहा हो तो सुंदरकांड का पाठ करने से सभी काम अपने आप ही बनने लगते हैं।

शनिदेव भी होंगे खुश

ज्योतिष और पौराणिक मान्यता है कि शनिदेव हनुमानजी से प्रसन्न रहते हैं। शनिदेव की दशा के प्रभाव को कम करने के उपायों में से एक है हनुमानजी की पूजा। शनिवार को यदि आप सुंदरकांड का पाठ करते हैं तो बजरंगबली तो प्रसन्न होंगे ही और साथ में शनिदेव भी आपका बुरा नहीं करेंगे। सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त को हनुमान जी बल प्रदान करते हैं। उसके आसपास भी नकारात्मक शक्ति भटक नहीं सकती।

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