ऋषि पंचमी 14 सितम्बर को
भाद्रपद शुक्ल पंचमी को ब्राम्हण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र, वर्ण की स्त्रियों को चाहिए कि वह नदी आदि पर स्नान कर अपने घर के शुद्ध स्थल में हरिद्रा आदि से चौकोर को मंडल बनाकर उस पर सप्तर्षियों का स्थापन करें और गंध पुष्प धूप दीप तथा नैवेद्य आदि से पूजन कर
" कश्यपोSत्रिभरद्वाजो विश्वामित्रोSथ गौतम।
जमदग्निर्वसिष्ठश्च सप्तैते ऋषय: स्मृता।।
दहन्तु पापं मे सर्वं गृह्णन्त्वर्व्यं नमो नम:।।
से अर्घ्य दें। इसके बाद अकृष्ट (बिना बोई हुुुई) पृथ्वी मेें पैदा हुए शाकादि का आहार करके ब्रह्मचर्य पालन पूर्वक व्रत करें। इस प्रकार सात वर्ष करके आठवें वर्ष में सप्तर्षियों की स्वर्णमय सात मूर्ति बनवाकर कलश स्थापन करके यथा विधि पूजन कर सात ो
गोदान और सात युग्मक ब्राम्हण भोजन कराके उनका विसर्जन करें।
ज्योतिषाचार्य पं गणेश प्रसाद मिश्र