छठ पूजा पर उगते और डूबते हुए सूर्य को क्यों दिया जाता है अर्घ्य,जानें ....

Update: 2022-10-30 10:57 GMT

चार दिनों तक चलने वाले छठ महापर्व का आज तीसरा दिन है. आज के दिन डूबते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है. इन दिनों में भगवान सूर्य और छठ मैया की आराधना के की जाती है और डूबते और उगते हुए सूर्य की पूजा की जाती है. मान्यता है कि सूर्य को अर्घ्य देने से शुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. संध्या अर्घ्य (Chhath Puja 2022 Day 3) छठ के पहले दो दिन बीत चुके हैं. छठ पर्व के तीसरे दिन कार्तिक शुक्ल षष्ठी को संध्या के समय सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है. शाम को बांस की टोकरी में फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि से अर्घ्य का सूप सजाया जाता है,


जिसके बाद व्रति अपने परिवार के साथ सूर्य को अर्घ्य देती हैं. अर्घ्य के समय सूर्य देव को जल और दूध चढ़ाया जाता है और प्रसाद भरे सूप से छठी मैया की पूजा की जाती है. उषा अर्घ्य (Chhath Puja 2022 Day 4) छठ पर्व के अंतिम दिन सुबह के समय सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है. इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले नदी के घाट पर पहुंचकर उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. इसके बाद छठ माता से संतान की रक्षा और पूरे परिवार की सुख शांति का वर मांगा जाता है. पूजा के बाद व्रति कच्चे दूध का शरबत पीकर और थोड़ा प्रसाद खाकर व्रत को पूरा करती हैं, जिसे पारण या परना कहा जाता है. सूर्य देव को अर्घ्य देनी की विधि बांस की टोकरी में उपरोक्त सामग्री रखें. सूर्य को अर्घ्य देते समय सारा प्रसाद सूप में रखें और सूप में ही दीपक जलाएं. फिर नदी में उतरकर सूर्य देव को अर्घ्य दें.

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