इसरो की बड़ी कामयाबी:सैटेलाइट रीसैट-2BR1 सफलतापूर्वक लॉन्च,

Update: 2019-12-11 10:04 GMT

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन- इसरो आज यानी 11 दिसंबर 2019 को दोपहर 3.25 बजे ताकतवर राडार इमेजिंग सैटेलाइट रीसैट-2बीआर1 की सफल लॉन्चिंग कर दी है। इसरो आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से रीसैट-2बीआर1 सैटेलाइट के साथ कुल दस उपग्रह पृथ्‍वी की कक्षा से दूर स्‍थापित करेगा। लॉन्चिंग के बाद अब देश की सीमाओं पर नजर रखना आसान हो जाएगा. ये सैटेलाइट रात के अंधेरे और खराब मौसम में भी काम करेगा यानी धरती पर कितना भी मौसम खराब हो. कितने भी बादल छाए हों, इसकी निगाहें उन घने बादलों को बीच सीमाओं की स्पष्ट तस्वीर ले पाएगी।

बतादें कि रीसैट-2बीआर1 पांच साल तक काम करेगा। इससे राडार इमेजिंग कई गुना बेहतर हो जाएगी। इसमें 0.35 मीटर रिजोल्यूशन का कैमरा है, यानी यह 35 सेंटीमीटर की दूरी पर स्थित दो चीजों की अलग-अलग और स्पष्ट पहचान कर सकता है। यह सीमावर्ती इलाकों में आतंकी गतिविधियों और घुसपैठ पर नजर रखेगा। इससे तीनों सेनाओं और सुरक्षाबलों को मदद मिलेगी। इसका वजन 628 किलोग्राम है। इसे प्रक्षेपण के 17वें मिनट में जमीन से 578 किलोमीटर ऊपर पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया जाएगा।

इतना ही नहीं, इस लॉन्चिंग के साथ ही इसरो के नाम एक और रिकॉर्ड बन गया है. ये रिकॉर्ड है - 20 सालों में 33 देशों के 319 उपग्रह छोड़ने का. 1999 से लेकर अब तक इसरो ने कुल 310 विदेशी सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में स्थापित किए हैं. आज के 9 उपग्रहों को मिला दें तो ये संख्या 319 हो गई है. ये 319 सैटेलाइट्स 33 देशों के हैं।

हालांकि 26/11 मुंबई हमले के बाद रीसैट-2 सैटेलाइट को भारत ने लॉन्‍च किया था। सीमाओं की रक्षा खासतौर पर समुद्री सीमाओं की निगरानी में इस सैटेलाइट ने काफी सराहनीय काम किया है। इसकी वजह से सीमाओं की फास्‍ट ट्रैक मॉनिटरिंग करना संभव हो पाया था। इससे पहले लॉन्‍च किए गए रीसैट-1 सैटेलाइट की सीमाएं काफी हद तक सीमित थीं। रीसैट 2बीआर1 में लगने वाले डिफेंस इंटेलिजेंस सेंसर को भारत में ही बनाया गया है। इसमें मौजूद एक्‍स बैंड एसएआर कैपेबिलिटी की वजह से ही यह उपग्रह हर मौसम में साफ तस्‍वीरें ले सकेगा। फिर चाहे रात का अंधियारा ही क्‍यों न हो। 

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