शरद यादव पर शिकंजा कसने की तैयारी में नीतीश, लिया ये बड़ा फैसला

Update: 2017-09-08 11:07 GMT
Nitish Kumar and Sharad Yadav File Photo (Getty Images)

पटना : जनता दल यूनाइटेड (JDU) में चल रही असली-नकली की तकरार अब विस्तार रुप धारण कर चुकी है। जिसके चलते बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शरद यादव गुट को करारा जवाब देने का मन बनाते हुए बड़ा फैसला लिया है।

'तीर' पर दावेदारी को लेकर नीतीश की पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार दोपहर 12 बजे चुनाव आयोग पहुंचा। जदयू का प्रतिनिधि मंडल अपने वकील के साथ चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचा। इस डेलिगेशन में ललन सिंह, आरपीसी सिंह, संजय झा और केसी त्यागी शामिल थे। उन्होंने शरद यादव के दल द्वारा किए गए दावे पर सवाल खड़ा करते हुए चुनाव आयोग के ए के जोटी, चुनाव आयुक्त ओम प्रकाश रावत और सुनील अरोड़ा के सामने अपनी पार्टी का पक्ष रखा।

जदयू महासचिव संजय झा ने कहा कि डेलिगेशन ने चुनाव आयोग के समक्ष पार्टी के सभी 71 विधायक, 30 एमएलसी, 2 लोकसभा और 7 राज्यसभा सांसद और पार्टी के सभी पदाधिकारियों की ओर से दिए गए शपथ पत्र के साथ जदयू और पार्टी के चुनाव चिन्ह (तीर) पर अपनी दावेदारी पेश की है। साथ ही उन्होंने शपथ पत्र में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के साथ होने की बात कही है।

गौरतलब है कि इससे पहले शरद गुट ने भी 25 अगस्त को जदयू के चुनाव चिन्ह (तीर छाप) पर अपनी दावेदारी चुनाव आयोग के समक्ष पेश की थी और असली जदयू होने का दावा किया था। इसके बाद नीतीश दल के नेता आरसीपी सिंह और पार्टी के महासचिव संजय झा ने बीते मंगलवार को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के सामने शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता रद्द करने की मांग रखी।

वहीं इस मामले पर चुनाव आयोग के फैसले से पहले कुछ नही कहा जा सकता। अब नीतीश गुट के नेताओं का प्रतिनिधि मंडल की दावेदारी के बाद चुनाव आयोग को तय करना है कि असली जदयू कौन है?

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