हैदराबाद यूनिवर्सिटी के हॉस्टल से निकाले जाने के बाद दलित छात्र ने की आत्महत्या

Update: 2016-01-18 07:01 GMT




हैदराबाद : “दो सप्‍ताह पहले हैदराबाद विश्वविद्यालय के हॉस्‍टल से निकाले गए पांच दलित शोधार्थियों में से एक रोहित वेमुला ने रविवार को खुदकुशी कर ली। उसका शव कैंपस के एक हॉस्‍टल में पंखे से लटका मिला। वह पिछले कई दिनों से अपने निष्कासन के खिलाफ खुले में सो रहा था। ”

पीएचडी छात्र रोहित गुंटूर का रहने वाला था और हैदराबाद यूनिवर्सिटी में समाजशास्त्र में पिछले दो साल से रिसर्च कर रहा था।

रोहित अंबेडकर स्टूडेंट यूनियन से जुड़ा था उसे 12 दिन पहले हॉस्टल से सस्पेंड कर दिया गया था। इन छात्रों के समर्थन में 10 संगठनों ने रविवार को रिले भूख हड़ताल की थी और इनका निलंबन वापस लेने की मांग की थी। इन छात्र संगठनों का कहना है ये छात्र सामाजिक बहिष्कार के शिकार हैं।

अंबेडकर स्‍टूडेंट्स एसोसिएशन से जुड़े इन दलित छात्रों को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक नेता पर कथित हमले के मामले में हैदराबाद यूनिवर्सिटी ने छात्रावास से निष्‍कासित कर दिया गया था।यहां तक कि विश्‍वविद्याालय के हॉस्‍टल, मैस, प्रशासनिक भवन और कॉमन एरिया में भी इनके घुसने पर रोक लगा दी गई थी। दलित छात्रों के इस 'बहिष्‍कार' के खिलाफ कई छात्र संगठन विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे और इस मुद्दे पर विश्‍वविद्यालय में काफी दिनों से विवाद चल रहा था। रोहित समेत पांचों छात्र अपने निष्‍कासन के खिलाफ कई दिनों से कैंपस में खुले आसमान के नीचे सो रहे थे।

रोहित की खुदकुशी के लिए अंबेडकर स्‍टूडेंट्स एसोसिएशन ने विश्‍वविद्यालय प्रशासन के रवैये को जिम्‍मेदार ठहराया है। इस बीच, कैंपस में तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए सुरक्षा बढ़ा दी गई। रोहित की मौत से आक्रोशित कई छात्र संगठनों ने उसके शव को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया और भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री बंगारू दत्‍तात्रेय के खिलाफ एससी-एसटी उत्‍पीड़न का मामला दर्ज करने की मांग की।

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