एक जाबांज बहादुर महिला की कहानी सुनकर रो देंगे आप!

Update: 2016-03-11 07:36 GMT


वलसाड
मीडिया के कैमरों की नजरे सिर्फ ग्लैमर पर ही रहती है। बड़े बड़े शहरो में रहने वाली बड़ी बिंदी गैंग की लम्पट महिलाओ को मीडिया में कई घंटो का प्रसारण मिलता है। लेकिन एक गरीब महिला के जाबांजी की तारीफ करने में झिझक आती है।

लेकिन गुजरात के दूरदराज वलसाड जिले के एक आदिवासी महिला का संघर्ष और उसके सफलता की कहानी को ये मीडिया कभी अपने आप इस खबर को नहीं दिखाएगी ताकि और भी दिव्यांग अपने जीवन से निराश ना होकर हौसला रख एक नया जीवन जियें।

बीस साल पहले जब ये आदिवासी महिला सब्जी बेचने ट्रक पर जा रही थी। तब एक भीषण एक्सीडेंट में इसके दोनों हाथ कट गये थे। अस्पताल में बिस्तर पर लेटे हुए ये आत्महत्या के लिए सोचती थी। लेकिन बगल में लेटा नवजात बच्चे का मुंह देखकर इसने नये सिरे से जीवन जीने का निर्णय लिया। फिर इन्होने बिना हाथो के ही खेती और घर का सारा काम करना सीख लिया। और आज इनका एक बेटा इंजीनियरिंग करके अच्छी जॉब करता है। और ये अपने खेतो और बगीचे में फसल उगाती है। धन्य है आप, हम आपको सलाम करते है।

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