JNU : उमर खालिद को हाई कोर्ट से झटका, पुलिस के सामने सरेंडर करना ही होगा
नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में भारत विरोधी नारे लगाने के आरोपी उमर खालिद को दिल्ली हाई कोर्ट से झटका लगा है। गुप्त स्थान पर सरेंडर की उमर की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई नहीं हो सकी। अब यह बुधवार को होगी। उमर के वकील ने जेएनयू में सरेंडर करने की मांग की थी, जिस पर दिल्ली पुलिस राजी नहीं हुई।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने खालिद से कहा, 'आपको कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होगा। आप अपनी मनमर्जी से सब तय नहीं कर सकते। कानूनन गिरफ्तारी के बाद पुलिस को 24 घंटों के भीतर मैजिस्ट्रेट के पास पेश करना होगा। यह मैजिस्ट्रेट तय करेंगे कि वह पुलिस हिरासत में जाए या न्यायिक हिरासत में। आप ऐसी मांग कीजिए जो कानूनी तौर पर सही हो। सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस की है।'
याचिका में उमर ने मांग की थी कि उसे हाई कोर्ट में समर्पण करने की अनुमति हो और उसे सीधे न्यायिक हिरासत में भेजा जाए। उसे जेएनयू से हाई कोर्ट तक सेफ पैसेज दिया जाए और उसकी सुरक्षा के लिए प्रबंध किए जाएं।
उधर, जेएनयू के बाहर अचानक सुरक्षा व्यवस्था काफी बढ़ा दी गई है। जेएनयू के बाहर कुछ देर के लिए बीएसएफ के जवानों को भी तैनात कर दिया गया था, लेकिन अचानक ही जवान चले गए। फिलहाल भारी संख्या में पुलिस बल भी जेएनयू के गेट के बाहर मौजूद है।
बताया जा रहा है कि जेएनयू में भारत विरोधी नारा लगाने के आरोपी उमर खालिद समेत 5 छात्र कैंपस में ही हैं। उमर के अलावा आरोपी छात्रों में अनंत प्रकाश नारायण, आशुतोष कुमार, राम नागा और अनिर्बान भट्टाचार्य शामिल हैं। बताया जा रहा है कि उमर खालिद ने पुलिस सुरक्षा की मांग की है। जबकि इन छात्रों की गिरफ्तारी के लिए भी हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल है। इसमें पुलिस को जेएनयू में घुसने देने की भी मांग है। इसपर भी सुनवाई होनी है।
इनमें से 2 छात्रों राम नागा और अनंत प्रकाश की तरफ से दिल्ली हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की गई थी। आरोपी उमर खालिद और अन्य दो छात्रों ने सरेंडर से पहले सुरक्षा देने की भी मांग की है और कोर्ट याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार भी हो गया है।