'शहीद' हनुमंथप्पा की पत्नी बोली - 'शहीदों की शहादत का अपमान मत करो'

Update: 2016-02-26 06:20 GMT


नागपुर : जेएनयू में राष्ट्रविरोधी नारों के बाद सड़क से लेकर संसद तक सुलग रही है। राजनीति चरम पर है। प्रदर्शन जारी है। लेकिन इन सबके बीच एक शहीद की पत्नी का दर्द छलका है। सियाचिन में बर्फ के ‘कफन’ में 6 दिन जिंदा रहने वाले जांबाज सैनिक लांस नायक हनुमनथप्पा की पत्नी महादेवी ने युवाओं से देश विरोधी गतिविधियों में शामिल न होने की अपील की है।

उन्होंने कहा कि देश के खिलाफ बयानबाजी कर शहीदों की शहादत का अपमान तो मत करो। वो देश के कई विश्वविद्यालयों में लग रहे राष्ट्रविरोधी नारों से दुखी है। नागपुर में एक कार्यक्रम में महादेवी ने कहा कि देश में हालिया राष्ट्र विरोधी गतिविधि की खबरें सुनाई देना दुखद है। उन्होंने कहा कि युवाओं को देश के लिए प्राण न्यौछावर करने के लिए तैयार रहना चाहिए। महादेवी ने कहा कि मेरा बेटा तो नहीं है लेकिन अपनी बेटी को मैं बेटे की तरह बड़ा करूंगा और सेना में भेजूंगी।

हनमनथप्पा की पत्नी ने कहा, ‘मेरे पति सेना में जाना चाहते थे। वह पुलिस के लिए चुन लिए गए थे लेकिन वह सेना में गए। मैंने देश में चल रही राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के बारे में सुना है। इससे मुझे दुख पहुंचा है। हम भारत में पैदा हुए हैं और भारत माता ने अपनी सरजमीं हमें रहने के लिए दी है लेकिन हम उसका गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। युवा ऐसा बिल्कुल न करें। हमें अपनी जिंदगी देश के लिए देने के लिए तैयार रहना चाहिए।

लांस नायक हनमनथप्पा ने 11 फरवरी को आर्मी रिसर्च ऐंड रेफरल हॉस्पिटल में आखिरी सांस ली थी। वह गहरे कोमा में चले गए थे और उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था।

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