राहुल ने नहीं सुनी अमेठी के पीड़ित परिवार की फरियाद, स्मृति ईरानी ने दिया सहारा

Update: 2016-01-03 10:39 GMT



रायबरेली : राहुल गांधी ने पीड़ित परिवार की फरियाद नहीं सुनी तो केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने उसे सहारा दिया। रायबरेली जिले के निवासी परिवार के बेटे की डेडबॉडी स्मृति ईरानी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के हस्तक्षेप के बाद शनिवार को गांव पहुंची और उसे सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। पीड़ित परिवार ने स्मृति और सुषमा को उनकी इस मदद के लिए धन्यवाद दिया है। पीड़ित परिवार ने 23 दिसंबर को रायबरेली के सालोन में आरएस पांडेय इंटर कॉलेज के बाहर राहुल को मदद के लिए प्रार्थना पत्र दिया था।

रायबरेली जिले की सलोन तहसील अमेठी संसदीय क्षेत्र में आती है। यहां के पूरे मदारीपुर डीहा निवासी मकदूम का बेटा मो़ यूसुफ 2014 में सउदी गया था। बीते साल दस दिसंबर को उसकी वहां मौत हो गई थी। मौत की सूचना तो परिवार को मिली लेकिन डेडबॉडी भारत नहीं भेजी जा रही थी। जब 23 दिसंबर को राहुल दो दिवसीय अमेठी दौरे के पहले दिन सालोन तहसील के आरएस पांडेय इंटर कॉलेज पहुंचे थे तो यह परिवार विद्यालय के बाहर अपना दुख कहने के लिए बैठा इंतजार कर रहा था।

दोपहर को राहुल गांधी जब आए तो उन्हें परिवार ने मिलकर प्रार्थनापत्र दिया था। प्रार्थनापत्र लेने के बाद भी राहुल ने आश्वासन की कोई बात परिवार से नहीं कही थी। इससे मायूस परिवार ने अगले दिन केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी को फैक्स करके सूचित किया था। स्व़ यूसुफ के भतीजे नूर मोहम्मद ने बताया कि अगले दिन जब फैक्स किया गया तो उसके 24 घंटे के भीतर ही स्मृति के कार्यालय से फोन आया और उन्होंने बात की। उन्होंने इस मामले में मदद का आश्वासन दिया तो कुछ ही घंटे में विदेश मंत्रालय से भी पूछताछ की जाने लगी। उन्हें सारी बातें बताई गईं तो उन्होंने एफिडेविट मांगा। एफिडेविट मिलने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू हुई। शुक्रवार को डेड बॉडी लखनऊ पहुंची थी, जिसे मंगलवार को गांव के कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।
साभार : NBT

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