एनआईटी श्रीनगर में जबरदस्त सुरक्षा, हर दो स्टूडेंट्स पर तैनात है एक जवान

Update: 2016-04-08 05:52 GMT




श्रीनगर : श्रीनगर नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (एनआईटी) में स्थानीय और बाहरी छात्रों के बीच विवाद और लाठीचार्ज के बाद कैंपस में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती कर दी गई है। पैरामिलिटरी की 5 कंपनियों के 600 जवान एनआईटी की सुरक्षा के लिए तैनात कर दिए गए हैं। जबकि एनआईटी में कुल स्टूडेंट्स की तादाद करीब 1500 है।

इस हिसाब से हर दो छात्रों पर कमोबेश एक जवान की तैनाती की गई है। इस आंकड़े के हिसाब से देखें तो एनआईटी श्रीनगर भारत का सबसे ज्यादा सुरक्षा बलों की तैनाती वाला कैंपस हो गया है। कैंपस में लोकल पुलिस की उपस्थिति नहीं दिख रही है। स्थानीय पुलिस पर ही बाहरी छात्रों के लिए भेदभाव बरतने और उनके ऊपर लाठीचार्ज का आरोप है।

पहले कैंपस में सीआरपीएफ की दो कंपनियां तैनात की गई थीं। बाद में झड़प होने पर सशस्त्र सीमा बल की तीन कंपनियों की भी तैनाती की गई। टी-20 वर्ल्ड कप में वेस्ट इंडीज के हाथों भारत की हार के बाद स्टूडेंट्स के एक गुट के कथित तौर पर खुशी जताने के बाद कैंपस में झड़प हो गई थी।

एनआईटी भारत का शायद ऐसा पहला कैंपस है जिसकी सुरक्षा पैरामिलिटरी के हवाले की गई है। सूत्रों का कहना है कि कैंपस में पैरामिलिटरी की तैनाती नियमित तौर पर भी की जा सकती है। कैंपस में राज्य के बाहर के अधिक छात्रों की मौजूदगी की वजह से यह चरमपंथियों के निशाने पर हो सकता है। भविष्य में भी यहां हिंसा भड़कने की आशंका के मद्देनजर कैंपस को पैरामिलिटरी के हवाले किया गया है।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और नैशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला ने आरोप लगाया है कि आरएसएस के आदेश पर ही कैंपस में पैरामिलिटरी फोर्स की तैनाती की गई है। उनका कहना है कि संघ ने ही स्थानीय पुलिस के पक्षपाती होने का आरोप लगाया था।

इस बीच, छात्रों पर पुलिस की कथित कार्रवाई की जांच के लिए सरकार के जांच दल बनाए जाने के फैसले ने उसके लिए ही मुसीबत पैदा कर दी है। पीडीपी के मुजफ्फर बेग ने पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को इसपर चेताया है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह और मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने सीएम से बात की है।

नवरात्रों के पहले दिन एनआईटी आज बंद है लेकिन छात्र एनआईटी के अंदर ही शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। गुरुवार को पैंथर पार्टी ने छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में प्रदर्शन किया था तो कई राजनीतिक दल महबूबा सरकार को घेरने में लगे हुए हैं। यही नहीं पीड़ित छात्रों ने एनआईटी शिफ्ट करने की मांग की है।

इधर प्रदेश सरकार ने हॉस्टल के छात्रों और उनके अभिभावकों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया है। प्रदेश शिक्षा मंत्री नईम अख्तर ने इस बात से इनकार किया है कि ये मामला सुरक्षा से जुड़ा है। उनका कहना है कि ये एक प्रशासनिक मामला है और जल्द ही इसका हल निकल आएगा।

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