पटना : बिहार के मुख्यंमत्री नीतीश कुमार ने फिर से सत्ता संभालते ही राज्य में शराब पर प्रतिबंध लगा दिया। लेकिन महज दो सप्ताह के भीतर प्रतिबंध वापस ले लिया और कहा कि प्रतिबंध तो केवल देसी शराब पर रहेगा।
सूत्रों के मुताबिक फिलहाल जिन अफसरों को नीति बनाने के लिए आदेश दिया गया है उनको सिर्फ देसी शराबबंदी को लेकर कहा गया है। हालांकि सरकार इससे इनकार कर रही है। राजस्व विभाव के अधिकारी इसके पीछे 5,500 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का तर्क दे रहे हैं। विदेशी शराब बनाने वाली देश की एक बड़ी कंपनी के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि उन्हें भी लगता है कि संपूर्ण शराबबंदी नहीं होगी।
गौरतलब है कि अपने चुनावी वादे को पूरा करने की बात करते हुए नीतीश कुमार ने ऐलान किया था कि वे शराबबंदी करने जा रहे हैं। इसके लिए तारीख 1 अप्रैल, 2016 भी तय कर दी गई थी। लेकिन, अब यह कहा जा रहा है कि सिर्फ देसी शराब पर ही प्रतिबंध लगाया जा रहा है।