दो साल से जिंदगी के लिए जूझ रहे भालू 'सोनू' को मिली ‘दया मृत्यु’

Update: 2015-12-05 06:55 GMT


इंदौर : इंदौर चिड़ियाघर के भालू सोनू को दया मृत्यु की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वर्ल्ड सोसायटी फॉर दी प्रोटेक्शन आॅफ एनिमल्स की गाइडलाइन को फॉलो करते हुए 11: 22 बजे उसे पिंजरे में बेहोशी के इंजेक्शन लगाए गए। मेकसेल्फ नामक केमिकल के तीन इंजेक्शन के बाद सोनू बेहोश हो गया है। बेहोशी के बाद उसे पिंजरे से बाहर लाया गया है। अब उसे स्लाइन के ज़रिए मेग्निशियम सल्फेट चढ़ाया जाएगा।

सोनू इंदौर के चिड़ियाघर, कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में पिछले ढाई साल से बेहद तकलीफ़ भरी ज़िंदगी बिता रहा था। सोनू को लकवा मार गया था। काफी इलाज के बाद भी उसकी हालत बिगड़ती ही गई। उसकी हालत देखकर चिड़ियाघर प्रबंधन और उसकी सेवा में लगे स्टाफ की सलाह पर करीब दो माह पूर्व चिड़ियाघर प्रबंधन ने सेंट्रल ज़ू अथॉरिटी के पास दया याचिका लगाकर इच्छा मृत्यु की मांग की।

पिछले दो साल से पैरालिसिस और पैर व कमर में चोट के चलते दर्द से कराह रहे भालू को आज दयामृत्यु के तहत मौत की नींद में सुलाया जायेगा। यह एमपी का ऐसा पहला मामला है जिसमे किसी जानवर को दयामृत्यु दी जायेगी। सोनू को सुबह 11 बजे इंजेक्शन लगाया जायेगा जिसके पांच मिनट बाद ही उसे नींद आने लगेगी। एक घंटे के भीतर उसका दिल काम करना बंद कर देगा और वह हमेशा के लिए सो जायेगा।

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